लखनऊ,दीपक ठाकुर।उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जो धमाकेदार जीत की उसके कई कारण है पहला केंद्र में मोदी का कुशल नेतृत्व दुसरा संगठन का एक मत होना और तीसरा सबसे अहम वो ये कि चुनावी दौर में विपक्षियों पर उन्ही के अंदाज़ में जवाब देने वाले युवा नेताओ की नामो से आप सब भी भली भांति परिचित ही होंगे।
पर हाल फिलहाल जो भाजपा शीर्ष नेतृत्व से ख़बरें आ रही हैं उसको देख कर यही लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की कमान ऐसे हाथों को सौपना चाहती है जिसके पास तजुर्बे के साथ साथ कुशल नेतृत्व की भी क्षमता हो। सूत्रों के हवाले से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के जो नाम सामने आ रहे हैं उनमें शुरुआत में भले भीड़ नज़र आती थी पर वक़्त नज़दीक आते आते सिर्फ दो से तीन लोग ही इस दौड़ में नज़र आ रहे हैं।सबसे पहले और प्रदेश की राजनीति से भलीभांति परिचित नाम है राजनाथ सिंह का पर पक्का कुछ नहीं दूसरा नाम मनोज सिन्हा जो फिलहाल फिक्स बताया जा रहा है और तीसरा रामलाल जी का नाम आया पर ये नाम ज़्यादा चर्चा नहीं बटोर पाया है फिलहाल।
अब आप भी देख सुन रहे होंगे की उत्तर प्रदेश में भाजपा नेतृत्व किसको प्रदेश का नेतृत्व सौपने की फिराक में लगा है इन सभी में तजुर्बा तो बहुत है पर जोश वाली उम्र क्रॉस हो चुकी है अब देखना यही दिलचस्प रहेगा की क्या सूत्रों द्वारा मेंशन किये जा रहे नामो में से किसी एक को मुख्यमंत्री का पद देगा या एक बार फिर मोदी बम फटेगा और कोई नया नाम ही इस पद की शोभा बढ़ाएगा।
उत्तर प्रदेश में जो भी मुख्यमंत्री की कमान संभालेगा उसके लिए ज़िम्मेवारी बड़ी कठिन ही रहेगी प्रदेश में कुशल नेतृत्व देने के साथ साथ आने वाले लोक सभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करने और उसकी जीत सुनिश्चित करने का भी दबाव रहेगा शायद यही वजह नज़र आ रही है कि जोश के आगे तजुर्बे को तरजीह दी जा रही है। अब भाजपा तो यही चाह रही होगी कि पासा इस बार भी सही पड़े तो ही पार्टी और सत्ता दोनो के लिए शुभकारी रहेगा।