पटना : बिहार के गांव देहात में गलती करने वाले बच्चों की शिकायत आज भी जब उसके पिता से की जाती है, तो पिता उस शिकायत को स्वीकार कर लेता है और बेटे को उचित दंड देने का आश्वासन देकर मामले को सलटा देता है. कुछ ऐसा ही हुआ है, तेज प्रताप द्वारा की गयी बचकानी हरकत के बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव के साथ. बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया और राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव आये दिन सुर्खियों में बने रहते हैं. कभी पिज्जा बनाकर, तो कभी शंख बजाकर और कभी बांसुरी, लेकिन इस बार मामला बिल्कुल उल्टा है. तेज प्रताप यादव ने सार्वजनिक मंच से बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान ही नहीं दिया, बल्कि औरंगाबाद में एक सभा के दौरान घर में घुसकर मारने की धमकी तक दे डाली. तेज प्रताप के इस बयान के बाद जदयू नेताओं ने काफी खरी खोटी सुनायी, लेकिन जिसके खिलाफ तेज प्रताप यादव ने बयान दिया था, यानी सुशील मोदी, उन्होंने कुछ ज्यादा तो नहीं कहा, लेकिन लालू से अपने बयानों के जरिये ‘ओरहन’ दे डाला. ‘ओरहन’ एक भोजपुरी शब्द है और बच्चों के गलती करने पर पीड़ित की ओर से किये जाने वाले कंप्लेन को ओरहन कहा जाता है.
सुशील मोदी की इस शिकायत का असर भी हुआ और तत्काल लालू यादव ने सुशील मोदी को आश्वस्त किया कि वह अपने बेटे की शादी धूमधाम से करें, तेज प्रताप उसमें कोई हंगामा खड़ा नहीं करेगा. लालू ने मीडिया को यह भी बताया कि सुशील मोदी आराम से बेटे की शादी करवा सकते हैं, उन्हें उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से डरने की जरूरत नहीं है. चारा घोटाला मामले में रांची में गुरुवार की पेशी के बाद पटना लौटने के क्रम में मीडिया से बातचीत में लालू ने कहा कि सुशील मोदी बेवजह उनके बेटे की धमकी से डर गये हैं और उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. लालू प्रसाद अपने बेटे के उस धमकी का जवाब दे रहे थे, जिसमें तेज प्रताप यादव ने कहा था कि सुशील मोदी ने उन्हें अपने बेटे के विवाह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है और वह वहां जायेंगे और तोड़फोड़ मचाएंगे. बुधवार को औरंगाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने यह भी धमकी दी थी कि वह सुशील मोदी के घर में घुसकर उनको मारेंगे.
तेज प्रताप की इस धमकी के बाद सुशील मोदी ने ट्वीटर के जरिये लालू यादव से शिकायत की थी और ओरहन दिया था कि वह अपने बेटे को समझाएं. सुशील मोदी ने यह भी कहा था कि इसके लिए लालू जी को क्षमा मांगनी चाहिए तथा उन्हें ऐलान करना चाहिए कि ऐसा कुछ घटित नहीं होगा. सुशील मोदी ने मीडिया को बयान देकर कहा था कि वे लालू जी से आग्रह करेंगे कि वे उन्हें समझाएं. इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें. सुशील ने कहा कि उन्हें डर है कि कहीं ऐसा न हो कि गुस्से में कुछ लोगों को भेजकर कोई अव्यवस्था पैदा करें. उन्होंने कहा कि लालू जी को इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए तथा उन्हें एलान करना चाहिए कि इस तरह का कोई हंगामा नहीं होगा. सुशील ने कहा कि उनके पुत्र की शादी में लालू जी अपने परिवार के साथ आएं वे उनका स्वागत करेंगे.
उधर, तेज प्रताप की इस धमकी बाद भाजपा के सहयोगी दल जदयू के नेता पूरी तरह अक्रामक मुद्रा में आ गये थे. विधान पार्षद सह प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा था कि बाकी किसी का खून पानी नहीं है. अब यह चर्चा तेज हो गयी है कि लालू के आश्वासन के बाद सुशील मोदी को किसी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए. लालू ने जिस तरह तेज प्रताप के ‘ओरहन’ को स्वीकार कर सुशील मोदी को आश्वस्त किया है, उससे साफ जाहिर होता है कि लालू यादव भी तेज प्रताप की कारगुजारियों को बच्चे से ज्यादा नहीं लेते. उन्होंने यह बयान देकर मामला सलटाने की ओर कदम बढ़ा दिया है.