लखनऊ, दीपक ठाकुर। लालू यादव को बिहार की सत्ता खोने का बहुत गहरा झटका लगा है।उन्होंने पत्रकार वार्ता में दिल खोल कर मीडिया और नीतीश पर भड़ास निकाली।लालू यादव ने कहा कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार बननी थी तब नीतीश हाथ जोड़कर उनके घर आये थे तब लालू ने भगवान भोले नाथ की तरह उनको कुर्सी आशीर्वाद में दी पर उन्हें क्या पता था कि नीतीश भस्मासुर निकलेगा।उन्होंने कहा कि नीतीश के कहने पर ही तेजस्वी को उप मुख्यमंत्री बनाया क्योंकि उनका कहना था कि अब हमलोग बूढ़े हो गए हैं तो युवा कंधों पे ज़िम्मेदारी देनी चाहिए मगर नीतीश का मन तो मोदी में लगा था बार बार उनसे मिलते थे और योजना बनाई जाती थी।
लालू यादव ने कहा कि उनके परिवार को फसाने में भी इनकी मिलीभगत है ये बात हमको पता है पर इस पर कोई सफाई हम किसी को क्यों दे जो सीबीआई पूछेगी उसको बताएंगे।लालू यादव ने कहा कि हमारे वकील ने हमसे जैसा कहा हमने वैसा किया इसमें आपको इस्तीफे का ढोंग करने की क्या ज़रूरत थी।
लालू यादव ने मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि मीडिया ने सुपारी ले रखी है कि विपक्ष की आलोचना ही करेंगे कभी उनकी सही बात नही बताएंगे।मीडिया पर तो लालू ने ज़्यादा ना बोलना ही पसंद किया क्योंकि उनको पता है कि मीडिया ही उनकी बात लोगो तक पहुंचाएगा।लेकिन लालू नीतीश को बख्शने के मूड में कतई नही दिखे।
सुशील मोदी को नीतीश का स्टेपनी बताने वाले लालू यादव ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सन्देह व्यक्त किया उनका कहना था कि बड़ी पार्टी को ना बुलाकर उन्होंने वो काम किया जो भाजपा चाहती थी।उनका कहना था कि अगर उनकी पार्टी को मौका मिलता तो सरकार उनकी ही बनती।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ये लड़ाई अभी लंबी चलेगी हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।उन्होंने कहा कि नीतीश पर 302 का केस है फिर भी मुख्यमंत्री बने हुए हैं ये बात देश की जनता को बताएंगे।
लालू यादव ने पत्रकारवार्ता में कई हमले बोले पर चार्जशीट और पद पर बने रहने के जो उदाहरण पेश किए उनमे सच्चाई जरूर नज़र आती है कि दागी सिद्ध होना और आरोप लगाना दो अलग बात होती है जिस पर दोहरा मापदंड ठीक नही है।लालू यादव ने नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है क्योंकि वो हत्यारोपी हैं उन्होंने कहा कि तेजस्वी तो बहाना था उनको भाजपा की गोद मे जाना था।