नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के हाथ सबसे बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है। इसे वे कैश कराने में तनिक भी नहीं चूक रहे हैं। बनते-बदलते हालत को देखते हुए ऐसा जान पड़ रहा है कि आने वाला समय शायद मोदी लहर को पलट भी सकता है। ऐसे में यदि ऐसी स्थितियों को काबू में न लाया जा सका तो मुमकिन है कि राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ पीएम मोदी को 2019 का सपना भी भूलना पड़ जाए।
ध्यान रहे कि किसानों को हमेशा पीएम मोदी ने सर्वोपरि बताया है, चूंकी उन्हें अन्नदाता कहा जाता है।
बीते समय में उन्होंने कई बार किसानों की कर्जमाफी को स्वीकार भी किया है। लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर में जो हुआ वह देश हित में अच्छी घटना नहीं है।
यहां पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई। वहीं कई किसान घायल अवस्था में जिन्दगी और मौत से झूझ रहे हैं।
इस घटना ने विपक्ष को अपना मुंह खोलने का मौक़ा दे दिया है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस घटना के पीछे कांग्रेसियों का हाथ है।
खबरों के मुताबिक आंदोलनकारियों ने 8 ट्रक और 2 बाइक को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए फायरिंग की। ये मौतें पुलिस फायरिंग से हुईं। लेकिन मध्यप्रदेश के गृह राज्य मंत्री ने कहा कि पुलिस द्वारा कोई फायरिंग नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि फायरिंग की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा इंटरनेट बंद नहीं किया गया और ना ही कर्फ्यू लगाया गया। शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
बता दें, किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। मध्यप्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र में भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में किसानों के प्रदर्शन के चलते प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने बुधवार को पूरे राज्य में हड़ताल करने का एलान किया है।
बता दें, मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल मंगलवार को छठे दिन भी जारी है।
वहीं बीती रात मंदसौर जिले में किसानों ने रेलवे क्रांसिंग गेट को तोड़ने के साथ पटरी उखाड़ने की कोशिश की। इसके अलावा जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ओ। पी। त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार की देर रात को दालोद पुलिस चौकी क्षेत्र में किसानों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और रेलवे क्रासिंग के गेट को तोड़ दिया।
इसके अलावा उन्होंने पटरियों के बीच के स्लीपर पर लगे लोहे के एंगल को नुकसान पहुंचाया। हालांकि यातायात ज्यादा देर प्रभावित नहीं हुआ।
किसानों ने कुछ स्थानों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया है।
वहीं, जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार को स्थिति सामान्य है और सुरक्षा बल को तैनात किया गया है।
जब उनसे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
इसके अलावा इंदौर की चौइथराम मंडी क्षेत्र में भी किसान विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल की तैनाती की है। राज्य के अन्य हिस्सों से भी किसानों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार किसानों के साथ है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने षड़यंत्र के तहत हिंसा भड़काने का काम किया है, बहुत से कांग्रेस के नेताओं ने ऐसा किया।
उन्होंने मरने वालों के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है और गंभीर रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।