रेल हत्यकांड में मारे गए गांव खंडावली के हाफिज जुनैद की मौत के दुःख में सोमवार को गांव के लोगों ने काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज अदा की। इसके बाद गांव में ईद नही मनाए का ऐलान किया गया। ईदगाह में नमाज अदा करने के बाद सभी लोग सदमे के माहौल में वापस घर चले गए। लोगों का कहना है कि ईद की नमाज पढ़ना जरूरी है, लेकिन उस वक्त इसके बाद की ख़ुशी कोई कोई मायने नही रह जाते है, जब एक बच्चा और ऊपर से हाफिज की दरनाक हत्या कर दी जाती है। इस घटना से सभी लोग अभी सदमे में है।
ईद की नमाज में दिया जुनैद को शहीद का दर्जा
नमाज पढ़ाने के बाद हुई दुआ में इमाम ने जुनैद को शहीद का दर्जा दिया। उन्होंने जुनेद को जन्नत में अव्वल मुकाम देने की खुदा से दुआ की। उन्होंने कहा कि जिस तरह हाफिज जुनैद की मजहब की पहचान पर हत्या हुए है, इससे उसने खुदा की नजरों में शहीद का दर्जा हासिल किया है।
देश में अमन की दुआ के लिए उठे हाथ
हाफिज जुनैद के गांव में ईद की नमाज में नमाजियों ने खुदा से देश में अमन कायम करने की दुआ की। जुनैद जैसे दर्दनाक अमानीय हादसा से लोगों की हिफाजत करने की दुआ की। देश में निरंतर बढ़ रहे हादसों में निर्दोषों की हो रही हत्या से लोगों को महफूज रखने के लिए भी दुआ की गयी। ईद के इस मौके पर ग्रामीणों ने गंगा यमुना तहजीब को फिर से कायम करने के लिए एक दूसरे के साथ भी चारा रखने के लिए भी लोगों ने जोर दिया। वसीम का कहना है कि चुनिदा लोगों की वजह से अशांति फैलती है, ऐसे लोगों से सरकार को सख्ती से निपटा चाहिय। ताकि देश में पहले की तरह भाई चारा काम रहे।
सरकार के खिलाफ बढ़ रहा गुस्सा
हाफिज जुनैद की हत्या के आरोपियों की अभी तक गिरफ्तारी नही होने की वजह से ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि इतना वक्त गुजर जाने के बाद भी पुलिस अभी आरोपियों को नही पकड़ पाई है । इससे ख़ास तौर से युवा वग गुस्से में है। शाकिर का कहना है कि यह एक बहुत ही दर्दनाक हादसा है। धर्म की पहचान के नाम पर हुए हाफिज जुनेद की हत्या एक विचाधारा की हत्या है, जो भारत जैसे देश में बेहद चिंता की बात है। जुनैद के पिता जलालुद्दीन का कहना है कि सरकार की तरफ से आर्थिक मदद मिल रही है, लेकिन असल दुःख इस बात का है कि पुलिस अभी तक हत्यारों को नही पकड पाए है।
ईद की नमाज के वक्त पुलिस रही तैनात
हाफिज जुनैद के गांव में किसी प्रकार की कोई वारदात न हो, इसको लेकर ईद की नमाज के वक्त गांव में पुलिस तैनात रही। पुलिस की एक जिप्पी गांव में गस्त करती नजर आई।
बच्चों के लिए ईद पर नही लगे झूले
ईद के मौके पर गांव में हर साल लगने वाला एक छोटा सा मेला इस बार नही लगा। जिसकी वजह से बच्चे झूला नही झूल पाये। खिलोनो की दूकान भी नही सजी। ईद के बहाने बाहर से आकर झूले, खिलौने के रूप में बिक्री करने रोजी रोटी कमाने वाले दुकानदारों ने भी इस बार दूकान नही लगाने का फैसला किया।