लखनऊ,न्यूज़ वन-दीपक ठाकुर। आम आदमी पार्टी लगता है सिर्फ केजरीवाल से शुरू और उन्ही पे खत्म होगी ऐसा हम नही बल्कि पार्टी में हो रही गतिविधियां बता रही है।आम आदमी पार्टी का इतिहास कोई पुराना तो है नही जिसे दोहराना पड़े इसे तो हम मुज़ुबानी बता सकते है कि कैसे इस पार्टी का उदय हुआ।सबको पता है अन्ना आंदोलन जिसमे केजरीवाल, कुमार विश्वास योगेंद्र कुमार सहित कई ऐसे चेहरे थे जो भ्र्ष्टाचार के विरोध में उपजे उस आंदोलन में अन्ना के साथ मंच साझा करते नज़र आते थे।
जनता ने आंदोलन को खूब सराहा हालांकि उसका कोई ठोस परिणाम तो अब तक सामने नही आया पर मंच साझा करने वाले कुछ लोगों ने दिल्ली में अपनी राजनैतिक पार्टी ज़रूर बना ली।पार्टी का नाम हुआ आम आदमी पार्टी शुरुआती दौर में हुई आम जनता की बात और भ्र्ष्टाचार के विरोध में बड़ी बड़ी बातें।समय बीतते बीतते उन पुराने चेहरों ने पार्टी छोड़ दी जिन्हें लगा कि अरविंद केजरीवाल पार्टी और जनता को गुमराह कर रहे है वो अपना सिक्का चलाने के लिए उन लोगों को अंडर इस्टीमेट कर रहे है जिन्होंने आंदोलन में बराबर की भूमिका निभाई थी।
इसके बावजूद भी अरविंद केजरीवाल की सेहत पर कोई असर पड़ता नही दिखा वो नए लोगो पर अपना भरोसा ज़्यादा दिखाते नज़र आये आरोप बहुत लगे पर किया वही जो उनका मन करे।इन्ही तमाम हरकतों को देखते हुए काफी समय बाद पार्टी से बगावत के सुर फिर सुनाई दिए बन्दा कवि और अच्छा वाचक था इसलिए अपने अंदाज में हिदायत देने की भरपूर कोशिश की।
पर कयास ये भी लगने लगे थे कि अब इस कवि को भी पार्टी पसंद नही कर रही क्योंकि वो ज़्यादा तो पहले से बोलता था पर अब आप के खिलाफ बोलने लगा था।उसके लिए एक मौका था कि शायद अरविंद उन्हें पार्टी में रखना चाहते है जो ज़ाहिर होगा राज्य सभा के टिकट को देख कर।
पर आपने जो टिकट बांटा वो ऐसा बांटा की विश्वास टूट गया और इस बार ऐसा टूटा कि आपको छोड़ना उसकी मजबूरी बन गया।आपने कुमार विश्वास को राज्यसभा ना भेजकर सिवाय संजय सिंह के ऐसे लोगों को भेजा जिन्हें कोई बोलते सुन ही नही पाया।
फिर कुमार ने बताया कि अरविंद ने जो कहा वो किया उनका कहना था कि अरविंद ने मुझे शहीद कर दिया और में इस शहादत को नमन करता हूँ।
केजरीवाल जी आप ऐसे जौहरी है जो हीरे की कदर नही कर पाए या आप पक्के जौहरी हैं जो हीरा देख कर टिकट बांटने लगे।खैर जो भी है ये आपकी अपनी राजनीतिक ज्ञानता की बात है अब वो आपके अंदर कितनी है ये आपके फैसले ज़रूर बता रहे हैं वैसे कुमार विश्वास अब जो बोलेगा वो आप सुन पाएँगे ऐसा हमको तो नही लगता।