लखनऊ, दीपक ठाकुर। कमर दर्द कम करने और अतिरिक्त चर्बी घटाने के लिए मुख्यता शलभासन ही होता है।शलभासन पेट के बल लेटकर किया जाने वाला आसन है। जिन लोगो को कमर दर्द की समस्या है उनके लिए यह एक बेहतरीन आसन है।यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाती है।जो लोग वजन कम करना चाहते है, उनके लिए भी यह आसान फायदेमंद है।इससे पेट और कमर की चर्बी कम होती है।
शलभासन का अभ्यास करने से कमर लचीली बनती है और छाती चौड़ी होती है।इससे रक्त संचार की क्रिया सुचारू होती है।शलभासन करने से स्मर शक्ति बढती है और मानसिक निराशा दूर करता है।मधुमेह के रोगियों के लिए भी यह लाभप्रद है।यह आसन गर्भाशय संबंधी परेशानी को दूर करता है।इससे मुंह से थूक जाना और मूत्र की रूकावट आदि परेशानिया दूर होती है।पेट के अनेक रोगों में भी इससे लाभ मिलता है। जैसे पेट में गैस का बनना, भूख में कमी, अपच आदि समस्याए इससे दूर होती है।
शलभासन का अभ्यास करते समय आपको थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है। जब आप इसको करते है तो उस दौरान घुटने से पैर नहीं मुड़ना चाहिए और ठोड़ी जमीन पर टिकी रहनी चाहिए।इसके लिए कम से कम 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।गर्भवती महिला या फिर जिस महिला का कुछ दिन पहले ही ऑपरेशन हुआ हो उनको भी शलभासन नहीं करना चाहिये। इस आसन को पहली बार बहुत समय के लिए नहीं करना चाहिए। धीरे धीरे इस आसन का समय बढ़ाना चाहिए।अपने क्षमता से अधिक कभी भी इस आसन को करने की कोशिश ना करे।
जिन भी लोगो को मेरुदण्ड, पैरों या फिर जंघाओं में किसी भी तरह की गंभीर समस्या हो वह योग चिकित्सक से सलाह लेकर ही इस आसन का अभ्यास करे। वैसे तो शलभासन बहुत ही आसान योगासन है, लेकिन योग का कोई भी आसन तभी लाभदायक होता है जब आप उसे सही तरीके से करते है।
शलभासन आसन के अभ्यास के दौरान आपको यदि परेशानी महसूस हो रही है तो परेशान होने की जरुरत नहीं है, आप एक पैर की मदद से भी इसे कर सकते है| जब भी आप क्रम से एक पैर की मदद से इसे कर रहे है तो इसी आसन को अर्ध शलभासन कहा जाता है|आज विश्विद्यालय में योग साधको द्वारा उन्ही आसनों को समझाया गया जो ज़मीन पर लेट के किये जाते है आज योग साधक सुनील कुमार मिश्रा कुलदीप यादव के साथ आयोजन समिति के संयोजक डॉ अमरजीत यादव की मौजूदगी में सभी बारीकियां समझाई गई जिससे काफी लोग लाभान्वित हुए।