देहरादून के शिशिर मल्ल देश की रक्षा में शहीद हो गए तो उनकी पत्नी संगीता ने हौसला नहीं खोया, उन्होंने खुद को बतौर सैन्य अफसर देश की सेवा में समर्पित करने का फैसला किया है। संगीता सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर देश को अपनी सेवाएं देंगी।
खुद फौजी की बेटी संगीता ने प्रेम विवाह किया और पति भी फौजी परिवार से थे। ससुर ऑनररी कैप्टन सुरेश मल्ल थे और पति शिशिर मल्ल राइफलमैन। शिशिर ने सेना की उसी यूनिट को जॉइन किया था, जिससे उनके पिता रिटायर हुए थे। स्वस्थ जिंदगी गुजार रहे सुरेश मल्ल का 21 मार्च, 2015 को निधन हो गया।
दुख की घड़ी में पहले परिवार को संभाला
इसके 6 महीने के अंदर परिवार में दूसरी दुखद घटना हुई। 2 सितंबर 2015 को बारामूला सेक्टर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शिशिर शहीद हो गए। आतंकवादियों के खिलाफ इस ऑपरेशन में शिशिर के साहस के कारण उन्हें मरणोपरांत सेवा मेडल दिया गया। शिशिर और उनके पिता की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में आ गया।
बकौल संगीता, मैंने पहले अपनी सास को दुख की घड़ी में संभाला, लेकिन तब इतनी मजबूत नहीं थी कि खुद वही दिन आसानी से गुजार लेती। परिवार के समर्थन और हौसला अफजाई के बाद उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला। पोस्टग्रैजुएट संगीता को उनके पिता ने सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका सास ने समर्थन किया। इसी दौरान संगीता को रानीखेत में सेना के एक प्रोग्राम में शामिल होने का अवसर मिला। इस प्रोग्राम में शिशिर के दोस्तों ने संगीता को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
बैंक की जगह आर्मी को तरजीह
संगीता ने दिल्ली स्थित सेना के वीर नारी सेल से संपर्क किया। वहां उनका उत्साह बढ़ाया गया और आवेदन करने में मदद की गई। टीचर के तौर पर काम कर चुकी संगीता ने बैंक और सेना, दोनों के लिए परीक्षा दी और दोनों जगहों पर उनका चयन हो गया। उनका चयन देश के एक बड़े बैंक के साथ ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी (ओटीए) चेन्नई के लिए भी हुआ है। संगीता ने सेना से जुड़ने का फैसला किया है।