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Friday, October 11, 2024

​शहीद के परिवार पर भड़कने से पहले सीएम ने न जाना पीड़ित परिवार का दर्द

शरद मिश्रा”शरद”

लखीमपुर खीरी:NOI– जब देश के लिए हमारे सच्चे सिपाही सीमा पर वतन के खातिर  हस्ते हस्ते भारत माँ के लिए अपने सीने पर गोली खाकर शहीद हो जाते है तो वही देश के अंदर भी शांति व्यवस्था बनाये रखने वाले सिपाही भी अपनी डियूटी को बखूबी निभाते है जिससे देश मे शांति व्यवस्था के साथ-साथ होने वाली आपराधिक घटाओं में लगाम लगी रहती है मगर जब कोई वीर सिपाही अपनी भारत माँ के लिए हस्ते-हस्ते प्राण दे दे तो उसको बस चार पुष्प अर्पित कर श्रधांजलि दी जाती है क्या उस श्रधांजलि के साथ शहीद के परिवार वालो का सम्मान भी खत्म हो जाता है अगर उस शहीद की माँ से पूछा जाए उसके शहीद बेटे के लिए तो वो माँ यही कहती है कि में बहुत किस्मत वाली हूँ कि मेरा बेटा इस भारत देश के लिए अपनी जान देकर शहीद कहलाया मगर फिर क्यों होता शहीद के परिवार के साथ दुर्व्यवहार।

बताते चलें कि नगर निकाय चुनावों को मद्देनजर रखते हुए जनपद लखीमपुर खीरी के विलोबियल हॉल में उत्तरप्रदेश के ईमानदार भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उड़नखटोला उतरा योगी के आने से पूरा शहर छावनी में तब्दील कर दिया गया था सीएम के बोल सुनने के लिए लोगों की भीड़ काफी संख्या में जमा हो गयी थी जब सीएम मैक में अपनी भाषण के द्वारा भाजपा के कार्यों को गिना रहे थे तभी जनसभा में 2015 में पशु तस्करों की गोली का शिकार हुए शहीद दरोगा मनोज सिंह के परिवार वाले आ पहुँचे और शहीद दरोगा मनोज मिश्रा मामले की जांच को सीबीआई के सुपुर्द करने की मांग करने लगे जिससे सीएम योगी का पारा चढ़ गया और वो नाराज स्वर में मौजूद शहीद के परिवार को भगाने का आदेश दे डाला इतने में पुलिस कर्मियों ने शहीद दरोगा मनोज मिश्रा की पत्नी पिता व भाई को धक्के मारकर सभा स्थल से बाहर कर दिया।

शहीद के परिवार वालों ने मीडिया से रूबरू होते हुए अपने दुख दर्द को बयां करते हुए कहा कि मेरे बेटे के साथ अनन्य हुआ है आखिर क्यों इस मामले की जांच को सीबीआई के सुपुर्द नही किया जा रहा है।

शहीद मनोज मिश्रा के परिवार वालों ने कहा कि मेरा बेटा अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहते हुए देश के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए बदले में शहीद के परिवार को मिल रही दर दर की ठोकरे और सीएम भी मेरी इज्जत को ठेंगे पर समझ कर भरी महफ़िल से धक्के मार कर बाहर करते हुए मेरा अपमान किया है एक बार भी सीएम ने मेरे दुख दर्द को समझने की कोशिश भी नही की जिससे परिवार को बहुत दुख हुआ।

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