पटना। श्रीनगर में आतंकवादियों से लोहा लेने में शहीद हुए सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के जवान मोहम्मद मोजाहिद खान का पार्थिव शारीर बुधवार की सुबह पीरो नगर के वार्ड 14 स्थित उसके घर लाया गया। भोजपुर में अपने लाल की शहादत को लेकर आक्रोश मिश्रित गर्व का माहौल है। लोग आतंकियों की कायराना करतूत के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। शहीद मोजाहिद अमर रहे के नारों से वातावरण गुंजयमान हो गया। राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जायेगा।
मोजाहिद का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट से कोईलवर स्थित सीआरपीएफ कैम्प ले जाया गया। वहां शहीद को सलामी दिए जाने के बाद सुबह सीआरपीएफ के अधिकारियो की देखरेख में पीरो ले जाया गया।
मंगलवार को सरहद की सुरक्षा के लिए जान देने वाले बिहार के लाल पर गर्व करते हुए पीरो का युवा वर्ग सड़कों पर उतर आया। हाथ में तिरंगा लिए सड़क पर उतरे युवाओं ने जब तक सूरज चांद रहेगा, मोजाहिद तेरा नाम रहेगा, के नारे लगाए। शहर का हर शख्स काम छोड़ अपने वीर सपूत को नमन करने सड़क पर आ गया। युवकों ने शहर के लोहिया चौक पर कैंडिल जलाकर श्रद्धाजंलि दी। मो हाशिम खान, मो मेराज खान, सलमान खान, शमशाद खान, अजमेर खान, एजाज खान, फारूक खान, नौशाद खान, भोना खान, नेसार अहमद, सरफराज खान, राहुल कुमार, रोहित कुमार, सुनील सिंह, मनोज कुमार, शहंशाह खां ने कहा कि हम अपने साथी की शहादत को जाया नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो हम पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सीमा पर जाने को तैयार हैं। लोगों ने शहीद के भाई को नौकरी, एक करोड़ रुपये का मुआवजा और शहीद के नाम पर स्मारक का निर्माण कराने की मांग सरकार से की है।
उधर खैर खां के पुत्र मोजाहिद के घर पर लोगों के पहुंचने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। परिजनों से मिलने पहुंचे तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि पीरो में प्रस्तावित खेल स्टेडियम शहीद मोजाहिद के नाम पर बनाया जाएगा। वे विधानसभा के बजट सत्र में इसका प्रस्ताव रखेंगे। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और उचित मुआवजा की मांग भी रखेंगे। विधायक ने बिहार सरकार और प्रशासन के रवैये पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि शहादत की खबर मिलने के करीब 36 घंटे बाद भी जिला प्रशासन के किसी पदाधिकारी या सरकार के प्रतिनिधि का शहीद के घर नहीं पहुंचाना निराशाजनक है।
दुबई से लौटे भाई बोले, पाकिस्तान से बदला ले सरकार
अपने भाई मोजाहिद के शहीद होने की खबर सुन बड़े भाई इम्तेयाज खान और मंझले भाई अकलाक खान दुबई से तत्काल रवाना हो गए थे। वे मंगलवार की सुबह घर पहुंच गए। दोनो के आखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इम्तेयाज कहा कि छोटे भाई की शहादत पर गर्व है। लेकिन जवानों की शहादत कब तक बेकार जाती रहेगी। सरकार को हर उस शहीद की शहादत का बदला लेना चाहिए जो पाकिस्तान की कायराना हरकतों के शिकार हुए हैं।
भतीजी ने रोते हुए दी इंटर की परीक्षा
मोजाहिद के बड़े भाई इम्तेयाज की बेटी रौशन जहां मंगलवार को अपने चाचा की शहादत का गम लिए रोते हुए इंटर की परीक्षा में शामिल हुई। पीरो के पुष्पा हाई स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर उसकी आखें नम थीं। रौशन ने बताया कि चाचा चाहते थे कि पढ़-लिखकर ऊंचा मुकाम हासिल करूं।
दुकानें बंद रखेंगे पीरो के व्यवसायी
बुधवार को शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पीरो के दुकानदारों ने बुधवार को दोपहर तक दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है। व्यवसायी अशोक केशरी, रवि केशरी, लालबाबू राइन, दौलत प्रसाद आदि ने कहा कि मोजाहिद ने देश को गौरवान्वित किया है। उसे सलाम करने के लिए हम अंतिम यात्रा में शामिल होंगे।