जानकार सब कुछ जानते हुए भी बने मूकदर्षक।
ट्रान्सपोर्टर ट्रकों की जगह यूज कर रहे ट्रैक्टर ट्राली।
प्रदेश के सौ से अधिक चीनी मिलो में ट्रैक्टर ट्राली से ढोया जा रहा गन्ना ।
शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- प्रदेश सरकार के परिवाहन राजस्व को चूना लगाते प्रदेश के एक सौ सोलह चीनी मिलो मे अवैध रूप से गन्ना ढोने मे लगे ट्रैक्टर- ट्राली,प्रशासन सब कुछ जानते हुये भी बना मूक-दर्शक,कृषि कार्यों के लिये पंजीकृत ट्रेकटर- ट्राली धड़ल्ले से विना रोक-टोक डबल ट्रालिया जोड़ कर चीनी मिलो के गन्ना सेन्टरो से ढो रहे मिलो का गन्ना, जिलो के आर टी ओ आफिसो को प्रति ट्राली ढाई से चार हजार रुपये महीना होती है अवैध उगाही।इन ट्रेकटर ट्रालियो ने एक तरफ तो सड़क दुर्घटनाओ को बढ़ावा दिया क्यों कि इनके चालक अधिकान्शता: अन्टेन्ड और अपरिपक्व होते है इससे यह कम पगार मे उपलब्ध हो जाते है वही ट्को की अपेक्षा इनमें जोखिम का खतरा भी कम रहता है।दूसरी तरफ ट्रकों की अपेक्षा रोड टैक्स आदि का भी कोई झंझट नही,इन्हीं तमाम सहुलियतो को देखते हुए अधिकाशं ट्रान्सपोटर व ट्रक मालिकों ने गन्ना क्रय केन्द्रों से चीनी मिलों में गन्ना सप्लाई के ठेको मे ट्रेकटर ट्राली लगा रखी है और ठेका लेते समय ट्रकों का विवरण दिखा कर सरकार व चीनी मिलो को गुमराह कर प्रति दिन प्रदेश सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा परिवाहन राजस्व की चोरी कर सरकारी टैक्स पर डाका डाल रहे है।
पिछले लगभग एक दशक से प्रदेश के चीनी मिलो में गन्ना ढुलाई के लिये ट्रकों के स्थान पर ट्रेकटर ट्राली का चलन अधिक हो गया है क्यों कि ट्रकों की अपेक्षा इनमें जोखिम तो कम है ही और लागत भी चौथियायी कीमत से कम लगती है ,साथ ही न किसी तरह की टैक्स और न फिटनेस आदि का कोई झंझट और ड्राइवर भी कम पगार के इसको देखते हुए तमाम ट्रान्सपोटर ने ट्रकों की जगह पर गन्ना खरीद कर ढुलाई के लिए अब टेक्टर ट्राली का ही प्रयोग किया जाता है क्यों कि ट्रकों से कम कीमत की लागत से मिलो में गन्ना सप्लाई हो जा रहा है।इसका सीधा लाभ ट्रान्सपोटरो की जेब में जा रहा है और सरकार को लाखों रुपये रोज का चूना लग रहा है क्यों कि टेक्टर ट्राली पर कोई परिवाहन शुल्क व टैक्स नही लगता है इसका सीधा लाभ उठा रहे है। कृषि कार्यों के लिये पंजीकृत ट्रेकटर ट्रालियो को व्यवसाइक व ट्रान्सपोटिग कार्य में लगा बिचौलिया माला-माल हो ने साथ सरकारी टैक्स चोरी कर अपनी तिजोरिया भर रहे है। वहीं इस सरकारी धन की चोरी मे पुलिस व परिवाहन विभाग सब कुछ जानते हुये अपनी जे से भरता हुआ प्रदेश सरकार के राजस्व पर डाका डलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।प्रदेश के सभी जिलों के जुम्मेदार अधिकारीऔर कर्मचारी बखूबी यह जानते है कि कृषि कार्यों के लिये पंजीकृत ट्रेकटर ट्राली व्यवसाइक कार्यों में संलग्न हैं इसके बावजूद भी चंद चाँदी के सिक्को के लालच मे परिवाहन विभाग के राजस्व की चोरी और सड़क दुर्घटनाओ की बढोत्री तथा सडको की बदहाली के लिए जुम्मेदार लोगों के साथ सरकारी टैक्स की चोरी करने में लगे है।