दीपकठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। जब कोई मुद्दा नही रहता तो अमूमन नेता लोग ऐसी बात बोल जाते जिसका आम जनता से कोई सरोकार नही होता कुछ ऐसा ही बयान भाजपा के नेता संगीत सोम ने दिया है।वैसे भी संगीत सोम जब भी कुछ बोलते हैं विवाद को हवा मिल ही जाती है और उनकी छवि भी कुछ इसी प्रकार की भी बनी हुई है जिसे पार्टी वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल भी करती नज़र आती है।
ताजमहल पर वैसे ही इन दिनों काफी सियासत चल रही है उसी कड़ी में संगीत सोम ने शारजहां के व्यक्तिव को उजागर करते हुए भरे मंच से ताजमहल के निर्माण पर ही कई कटाक्ष कर डाले उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों द्वारा बनाये गए स्मारक हमारे देश की शोभा नही बढाते बल्कि उनके द्वारा हमारा हिंदुस्तान कलंकित होता है लिहाजा अब इतिहास बदला जाना चाहिए।संगीत सोम ने मुगल काल को इतिहास से हटाने का वचन भी दे दिया है उनके अनुसार वो काल भारत मे अशोभनीय कार्यों के लिए जाना जाता है जिसमे हिन्दुओ पर अत्याचार हुआ और शासन के लिए अपनो ने अपने की बलि चढ़ा दी।
हालांकि संगीत सोम का बयान कहीं से गलत है या नही इस बात को बारीकी से समझने के लिए सबको इतिहास के पन्ने ही पलटने होंगे क्योंकि वो ज़माना और था आज का युग दूसरा है।पर सवाल ये उठता है कि क्या भरे मंच से इस तरह की बात करना सही है जो इमारत या स्मारक देश को प्रसिद्धि दिलाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे उनको इस तरह से राजनैतिक शब्दों के ताने बाने के साथ प्रस्तुत करना और कहना कि ये जगह देखने योग्य ही नही है तो कैसे काम चलेगा।
संगीत सोम के इन बयानों से भाजपा को लाभ भी मिलता होगा तभी पार्टी उनकी कही गई बात पर कभी एतराज़ करती नज़र नही आती है भले ही विपक्ष उसके लिए सरकार को ही ज़िम्मेवार क्यों ना मानती हो।