यदि आप लगातार महंगे हो रहे फिलहाल कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी हैं। इस बीच तेल के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से एक सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मार्च 2018 तक आपूर्ति और उत्पादन में कमी करने का समर्थन किया है। इससे आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दाम और बढ़ सकते हैं।
इसका सीधा असर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर देखने को मिल सकता है क्योंकि भारत में ईंधन की कीमतें अब अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक हर दिन बदलती हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक प्रिंस मोहम्मद के इस बयान से संकेत मिलते हैं कि 30 नवंबर को होने वाली ओपेक की मीटिंग में एक बार फिर से कच्चे तेल के उत्पादन पर कटौती करने पर सहमति बन सकती है। ओपेक में शामिल देशों में सऊदी अरब सबसे बड़ा और प्रभावशाली तेल उत्पादक देश है।
तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक में 14 देश शामिल हैं। इनमें ईरान, इराक, सऊदी अरब, कतर, यूएई, अल्जीरिया, अंगोला, इक्वाडोर, कुवैत, वेनेजुएला, लीबिया और नाइजीरिया जैसे देश शामिल हैं। यदि ओपेक देश कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर सहमत होते हैं तो रूस की ओर से भी ऐसा फैसला लिया जा सकता है।