भले ही रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में चारा घोटाले के एक मामले में बिहार के पुर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत सोलह दोषी व्यक्तियों की सजा पर सस्पेंस बना हुआ है. इस सब की बीच जो खबर सामने आई है. उसके मुताबिक लालू यादव और इसके केस के जज शिवपाल सिंह के बीच गुरुवार को जो बातचीत हुई वो काफी रोचक थी.
दरअसल गुरुवार की दोपहर को कोर्ट में तनाव का माहौल बना गया और केस के जज शिवपाल सिंह ने दोषी व्यक्तियों के वकील के अलावा सभी वकीलों को कोर्ट रूम से बाहर जाने के लिए सलाह दी. इसके बाद कुछ वकीलों ने कोर्ट से बाहर किए जाने को लेकर आपत्ति ज़ाहिर की. इस बाबत जज शिवपाल सिंह ने कहा कि उनके कोर्ट रूम में गुंडागर्दी नहीं चलेगी. बताया जा रहा है कि कुछ वकील नारेबाजी कर रहे थे. वकीलों को कोर्ट से बाहर किए जाने के बाद सभी वकील एक साथ आए और कोर्ट के बाहर बहिष्कार शुरू कर दिया. जैसे ही जज ने मामले की नजाकत को भांपा तो तुरंत उन्होंने वकीलों से माफी मांग ली और मामला शांत हो गया.
Got calls for Lalu, but will follow law: Fodder scam case judge
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— ANI Digital (@ani_digital) January 4, 2018
इसके मामला तब और गरमा गया जब जज ने कहा कि आज सिर्फ ‘K’ नाम वाले अभियुक्त के वकीलों की ही बहस सुनी जाएगी. जज के इस निर्णय के बाद लालू यादव उनके सामने गए और फिर जेल का हाल सुनाना शुरू कर दिया. यहां तक कि लालू यादव ने जज से कम से कम सजा देने की एक बार फिर से गुहार लगाई. इस बात को लेकर जज शिवपाल सिंह ने कहा, ‘उन्हें भी बहुत फोन आते हैं कुछ फोन लालू यादव के लिए भी होते हैं.’ लेकिन ये सब महज एक मजाक था.
इसके बाद लालू यादव ने जज को अश्वासन दिया कि उनकी पार्टी का कोई भी नेता और कार्यकर्ता नारेबाजी नहीं करेगा. अगर नारे लगाएगा तो वो उसे पार्टी से बाहर कर देंगे. फिर उन्होंने अपनी पार्टी के तीन नेताओं और एक कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी के खिलाफ अवमानना का मामला बंद करने का आग्रह किया क्योंकि ये लोग कोर्ट की अवमानना कर रहे थे. लालू की इस बात को लेकर जज शिवपाल सिंह ने कहा, ‘अगर आप फैसले से नाराज़ हैं तब हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. लेकिन जैसी टिप्पणी की गई वह कोर्ट के खिलाफ थी.’ साथ ही कहा है कि फिलहाल समन जारी होने के बाद वे इस मामले में राहत नहीं दे सकते. इसके बाद लालू यादव ने उन्हें शांत और ठंडे दिमाग से विचार करने की सलाह दी.