दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद एक उम्मीद जागी थी कि भाजपा के आने से राम राज्य स्थापित होगा मतलब सबको न्याय मिलेगा औऱ भ्र्ष्टाचार का अंत होगा मगर ये बात उनसे पूछिये जो अभी भी भ्रष्टाचार से जूझ रहे हैं और न्याय मांगने वाले पुलिसिया ज़ोर से थर्रा रहे हैं उनके लिए राम राज्य आया हो उत्तर प्रदेश में ऐसा कहना संदेह उत्पन्न करता है पर यहां भी एक बात ये साफ होती है के जब कुर्सी पर कोई और होता है तो लोगों के दर्द को महसूस करने की ताकत आ जाती है जैसे अभी हाल ही में आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओ पर हुए लाठी चार्ज पर जो दर्द पूर्व मुख्यमंत्री ने ज़ाहिर करते हुए वर्तमान सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार लाठी ना बरसाए विकास की बात करे वो ये दर्शाता है कि विपक्ष पक्ष से ज़्यादा जिगर वाला होता है।
वैसे तो यही होता आया है कि किसी भी सरकार में अगर सरकार की नीति का विरोध हुआ या न्याय पाने के लिए कोई धरना प्रदर्शन हुआ तो सरक्षा का हवाला दे कर उनकी आवाज़ को पुलिस की लाठी से दबा दिया गया है पर ये बात जयदत्ती उनको ही लगती है जो कुर्सी पर नही होता है।यही राजनीती है सत्ता से दूर रहने पर जनता का दर्द समझ आने लगता है और सत्ता पा लेने के बाद स्वार्थ नज़र आने लगता है अब जनता को ही समझना पड़ेगा कि इनका कोई सगा नही होता तकलीफ आपकी है तो दूर करने का प्रयास भी आपको ही करना पड़ेगा क्योंकि ये सब तो कुर्सी के खेल में व्यस्त रहते है इनका आपके ज़ख्मो पर मरहम लगाने का मतलब भी राजनीति से जुड़ा रहता है।