लखनऊ, दीपक ठाकुर। 12 जुलाई को उत्तर प्रदेश में बजट सत्र चल रहा था सभी नेता गण विधानसभा में बैठ कर विधानसभा में चल रहे बजट सत्र को ध्यान से सुन रहे थे तभी पता चला कि किसी विधायक जी की कुर्सी के नीचे कुछ संदिग्ध वस्तु पड़ी है फिर क्या था उसको फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया और जांच के बाद जो रिपोर्ट आई उससे सबके होश उड़ गए क्योंकि वो एक तीव्र क्षमता वाला विस्फोटक था जो अगर 12 जुलाई को फटता तो विधान सभा मे क्या होता इसकी कल्पना मात्र ही की जा सकती है।
इस पूरे मामले को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने संज्ञान में लिया और चूक कहाँ हुई ये विस्फोटक विधान सभा के अंदर कैसे पहुंचा इस पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई।अब मीटिंग में क्या खामी निकल कर आती है ये तो बाद में पता चलेगा पर हमारी नज़र से देखा जाए तो ये उन सुरक्षा गार्डों की भारी चूक है जो व्यवहार निभाने के चक्कर मे अंजानो को भी बिना जांच के विधान सभा के अंदर प्रवेश करवा देते हैं।
आपको पता ही होगा कि विधान सभा मे किसी भी काम से जाने के लिए अंदर जाने की जो प्रक्रिया है वो काफी जटिल है पहले गेट पास बनता है फिर पूरी जानकारी लिखित रूप में दर्ज की जाती है और तो और कई बार जिस व्यक्ति से मिलना हो उससे फोन द्वारा पूछ कर या उसको गेट पर बुला कर ही एंट्री दी जाती है पर असल मे वहां होता क्या है ये बड़ा दिलचस्प है मान लीजिये आपको किसी से मिलने जाना हो तो पहले एक ऐसे व्यक्ति को पकड़िये जिसकी गेट पर जानपहचान हो या यूं कहा जाए कि आप उसके जानने वाले भर हो बस फिर आप बिना जांच अंदर चले जाएंगे।
मेरी बात से आप मे से कई वाकिफ होंगे कि इसी तरह जुगाड़ से कई लोग बिना जांच विधान सभा तक पहुंचने लगे है तो ऐसे में किसके साथ कौन है या कौन किस मकसद से अंदर जाना चाहता है ये पता लगा पाना बड़ा मुश्किल है।तो सबसे पहले गेट पर व्यवहारिक इंट्री को बंद कीजिए और ऐसे लोगो पर सख्त कारवाई कीजिये साथ ही जो डीलर टाइप के लोग पास लिए घुमा करते हैं उनपर नकेल कसिए तो ऐसी घटना शायद दोबारा ना घटे।