राज्यसभा के दोवार्षिक चुनावों की तारीख नजदीक आने के साथ ही रिटायर हो रहे सदस्यों की धड़कनें तेज हो गई हैं। सपा, बसपा, कांग्रेस, जनता दल यू आदि पार्टियों के रिटायर हो रहे सांसदों की चिंता ज्यादा है क्योंकि उनको लग रहा है कि वापसी नहीं होने वाली है। तभी खबर है कि समाजवादी पार्टी के रिटायर हो रहे दो राज्यसभा सांसद पश्चिम बंगाल की ओर नजर लगाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि इनकी ओर से किसी न किसी रूप में ममता बनर्जी से संपर्क किया गया है पर अभी तक सहमति नहीं मिली है। अनाप शनाप बयानों के लिए विवादित रहे सपा के एक अन्य सांसद ने पिछले दिनों भाजपा से संपर्क किया था पर वहां उनकी दाल नहीं गली है।
असल में उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के चुनाव होने हैं। मायावती की सीट पहले से खाली है और नौ सांसद अप्रैल में रिटायर हो रहे हैं। इनमें से छह समाजवादी पार्टी के हैं। अब सपा के राज्यसभा सांसदों को नेताओं को पता है कि उनमें से सिर्फ एक की वापसी हो सकती है। विधानसभा के मौजूदा हिसाब से सपा को सिर्फ एक सीट मिलेगी और समूचा विपक्ष यानी सपा, बसपा व कांग्रेस मिल कर एक सीट और जीत सकते हैं। बाकी आठ सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी।
सो, सपा के रिटायर हो रहे सांसद बेचैन हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से दो सांसद अपने बंगाली होने का फायदा उठाना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकार में मंत्री रह चुके सपा सांसद किरणमय नंदा और मशहूर फिल्म अभिनेत्रा जया बच्चन तृणमूल नेताओं से संपर्क साध रहे हैं। इनका बांग्ला संपर्क बहुत गहरा है। अमिताभ बच्चन अपने को हमेशा बंगाल का दामाद बताते रहे हैं और ममता उनका बड़ा आदर भी करती हैं। कहा जा रहा है कि इस आधार पर अमिताभ बच्चन की पत्नी जया भादुड़ी बच्चन बंगाल से राज्यसभा की उम्मीद में हैं।
इसी तरह किरणमय नंदा पहले भी ममता और मुलायम या अखिलेश यादव के बीच संपर्क सूत्र का काम करते रहे हैं। सो, वे भी प्रयास में लगे बताए जाते हैं। पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की चार सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें से तीन तृणमूल कांग्रेस की और एक सीपीएम की है। इस बार भी सीपीएम और कांग्रेस मिल कर एक सीट जीत लेंगे और तीन सीटें तृणमूल में जाएंगी। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी को अपनी पार्टी से बाहर के किसी नेता को राज्यसभा में भेजने में दिक्कत नहीं है। पर शर्त है कि उनको तृणमूल ज्वाइन करना होगा।