मेरठ। देश भर की मीडिया और राजनीति में रूचि रखने वालों का केंद्र वर्तमान में उपचुनाव की सीट फूलपुर और गोरखपुर है। जहां सत्तारूढ़ भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है। अब तक आए रुझान के मुताबिक, भाजपा दोनों ही सीट हार रही है। भाजपा की विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर इस चुनाव में पार्टी के लिए चुनौती पेश की। विपक्षी दलों की एकजुटता अगर इस उपचुनाव में रंग दिखाती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती मिल सकती है।
रालोद ने गठबंधन के लिए दी सहमति
वहीं, देश और प्रदेश में अपना जनाधार खो चुका राष्ट्रीय लोकदल भी इस राजनैतिक परिदृश्य पर नजर रखे हुए है। रालोद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मैराजुद्दीन ने सपा और बसपा के गठबंधन को वर्तमान समय की राजनीतिक जरूरत करार दिया है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय लोकदल ने भी इन दोनों दलों को सपोर्ट कर दिया है। डॉ. मैराजुद्दीन का कहना है कि अब इन सभी दलों की आंखें खुल जानी चाहिए। देर आए दुरूस्त आए। चाहे कोई कुछ भी कहे ये बहुत अच्छा गठबंधन है। इसमें राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस भी आए तो कोई हर्ज नहीं तभी फासिस्टों का मिलकर मुकाबला किया जा सकता है।
तैयार हो रहा है 2019 का चुनावी परिदृश्य
राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मैराज के अनुसार 2019 की चुनावी लड़ाई अभी से ही सभी दलों ने शुरू कर दी है। अगर भाजपा को दोबारा सत्ता में आने से रोकना है तो इन सभी राजनैतिक दलों को एकसाथ एक मंच पर आकर हाथ मिलाना होगा। देश में वर्तमान में हालात बहुत बुरे हैं। यदि मोदी 2019 में वापस सत्ता में आए तो आम नागरिकों के स्वतंत्रता का अधिकार भाजपा छीन लेगी।
रालोद कर रही है तैयारी
डॉ. मैराजुद्दीन ने बताया कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हो गए हैं। वे सभी पार्टियों को एकजुट करने के लिए मुहिम चलाने वाले हैं। इसके लिए अधिकांश पार्टी अध्यक्ष से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। दल एकजुटता की सहमति भी जता रहे हैं।