बसपा छोड़ चुके नेता अपने लिए आशियाना तलाश रहे हैं. बसपा के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था, जबकि सिद्दीकी ने मायावती पर 50 करोड़ रूपए मांगने का आरोप लगाते हुए कई ऑडियो भी जारी किये थे.
बसपा से निकाले जाने के बाद से ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी सपा नेताओं के संपर्क में आए थे . इसके बाद उनकी 4 महीने में लगभग 3 मीटिंग अखिलेश यादव से हुयीं. पिछले महीने अगस्त में हुई मीटिंग में तय हुआ कि अब नसीमुद्दीन सिद्दीकी अपने साथियों सहित सपा ज्वाइन करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 5 अक्टूबर को आगरा अधिवेशन में नसीमुद्दीन सिद्दीकी अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा ज्वाइन कर सकते हैें.
सपा में आजम खान की तरह बसपा में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की हैसियत एक कद्दावर मुस्लिम नेता की रही है. नसीमुद्दीन का सपा में आना जहाँ अखिलेश के लिए सकारात्मक है तो वहीँ आजम खान के लिए ये स्थिति चौंकाने वाली हो सकती है. आजम खान पहले ही अब्दुल्ला बुखारी से इस नाते बैर मानते आये हैं क्योंकि मुलायम सिंह उन्हें कुछ ज्यादा ही तवज्जो देते थे. इसके अलावा किसी दूसरे मुस्लिम नेता के पार्टी में आने पर आजम खान असहज महसूस करने लगते हैं.
ऐसे में अखिलेश पर पूरा दारोमदार इस बात का होगा कि वे नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी ज्वाइन कराने के साथ साथ आजम खान को भी मना कर रखें. वरना चचा का भरोसा नहीं कब रूठ जाएँ.
विरोधियों के लिए सपा ने खोले दरवाजे
14 सितम्बर को हिंदी दिवस के मौके पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था सपा के दरवाजे अब विपक्ष के नेताओं के लिए खुले हुए हैं. माना जा रहा है नसीमुद्दीन सिद्दीकी से इसकी शुरुआत होगी. इसके बाद बसपा से टूटे कई नेता सपा ज्वाइन कर सकते हैं.
21 सितंबर को सपा ज्वाइन करेंगे इंद्रजीत सरोज
2 अगस्त को बसपा से निकाले गए कौशाम्बी के कद्दावर नेता इन्द्रजीत सरोज भी पार्टी की बैकबोन बताए जाते हैं. पार्टी से निकाले जाने के बाद सरोज ने भी मायावती पर रुपयों की मांग का आरोप लगाया था. अब सरोज भी 21 सितम्बर को सपा ज्वाइन करने जा रहे हैं.