लखनऊ,दीपक ठाकुर। भारतीय जनता पार्टी का 2014 से जो चेहरा देश के सामने प्रधानमंत्री के रूप में सामने आया उसने सबका साथ सबका विकास नारा देकर उत्तर प्रदेश की सत्ता पर भी कब्ज़ा कर लिया है । अभी तक के रुझान तो यही बता रहे है कि अखिलेश का जोड़ा औऱ उनका काम बोलता है का जादू प्रदेश की जनता पर नहीं चल पाया और लोगों ने मोदी पर ही भरोसा जताया है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव का जब बिगुल बजा था तब समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की टक्कर इस बात को ले कर दिखी जा रही थी कि मोदी और अखिलेश में से कौन वो होगा जो जनता को समझा पायेगा और जनता किसको मन से वोट करेगी हालांकि अखिलेश ने काम बोलता है को अपना नारा बना कर पार्टी के लिए खूब प्रचार प्रसार किया पर लगता है उनके कुछ फैसले और पारिवारिक पार्टी द्वंद्व उनको जीत से दूर करता गया।
वही दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को अपने दम पर जीत दिलाने के लिए प्रधानमंतत्री नरेंद्र मोदी ने जो जनसभाएं और रैलियां की उसमे उनको सफलता मिली है मोदी के साथ जो जन सैलाब दिखा उसने ये बात साफ़ कर दी कि सबका साथ सबका विकास ही प्रदेश की जनता भी चाहती है इसलिए उसने भाजपा को जनादेश दिया है।
उत्तर प्रदेश के चुनावी परिणाम से ये बात साफ़ हो गई कि यहाँ किसी एक जाति धर्म पर केंद्रित हो कर किया गया काम या योजनाएं बनाने से सत्ता नहीं पाई जा सकती जो दल सभी जाति धर्म का सम्मान करेगा और सबके लिए काम करेगा वही सत्ता भी हासिल करेगा जो मोदी ने कर दिखाया।
मोदी लहर ने जिस तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत का परचम लहराया है उससे उनके विरोधियों को ये सोचना पड़ेगा कि जनता सब बराबर है और सबको साथ ले कर ही दल का कल्याण है।