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Tuesday, October 15, 2024

​समय सीमा समाप्त होने को है पर सरकार…


लखनऊ-दीपक ठाकुर:NOI।

भाजपा सरकार ने जिस जोशो खरोश के साथ देश की बागडोर अपने हाथ मे ली थी उसकी पकड़ अब ढीली पड़ती दिखाई दे रही है,जिसके कई कारण है मगर ये कारण सरकार को नही दिखाई दे रहे अफसोस बस इसी बात का है।

सबको याद होगा 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वो स्लोगन की अच्छे दिन आने वाले है ये ऐसा स्लोगन था जिसने भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई थी साथ ही देश नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का भी इच्छुक था एक उम्मीद थी कि अबकी बार मोदी सरकार का भाजपा का आग्रह लोगो को मानसिक सुकून देने वाला होगा।

लेकिन लगता है कि 4 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपने पुराने स्लोगन पर कोई काम नही किया अगर किया होता तो दिखता और अगर दिखता तो राजस्थान के हुए उपचुनाव में एक या दो सीट ज़रूर मिलती जो नही मिली तीनो सीट कांग्रेस लेकर चली गई।

खैर आज सबकी नजर थी कि सरकार अपने आखरी बजट में आमजनता को सहूलियत देने वाली कोई बात होगी मगर अफसोस एक बार फिर यहां जनता के हाथ आया क्योंकि आम बजट में आम आदमी के लिए क्या है वो खुद समझ ही नही पाया।

सरकार ने पूर्व की यूपीए सरकार को जिन मुद्दों पर घेरा उसी पालिसी पे काम कर के खुद की वाह वाही बटोरी आधार और जीएसटी उसका उदहारण है जो जनता को परेशान कर रहा है दूसरी बात पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी से बाहर रखा जो भी जनता को समझ नही आया लेकिन सरकार देश के विकास की ही बात कर रही है जनता कष्ट सहे तो सहती रहे।

यही नही काश्मीर के मुद्दे पर आपके बोल सत्ता में आने से पहले क्या थे और चार सालों बाद वो भी वहां की सरकार में भागीदारी के बावजूद आपने क्या किया इसपे मंथन कीजिए।कुछ कीजिये सरकार ये जनता विदेश नीति को उतना आसानी ने नही समझती जितना दो वक्त की सुकून भरी रोटी कैसे मिले इस बात को तवज्जो देती है।सर स्लोगन भले कठिन बनाइये पर जनता को कठिनाई ना हो इस पर काम करिए तो भाजपा और देश दोनो के लिए बेहतर होगा।

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