‘सर आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि मुझे पास कर दीजिएगा। मेरे माता-पिता नहीं हैं और हम दो भाई, दो बहन हैं। हम सबसे बड़े हैं इसलिए घर की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है। मैं बहुत पढ़ना चाहती हूं, पर पैसे की कमी के कारण ज्यादा पढ़ नहीं सकते हैं। ये पंक्तियां यूपी बोर्ड की हिन्दी उत्तर पुस्तिका में इंटर की एक छात्रा ने लिखी है। अंत में उसने यहां तक लिख दिया है कि अगर वह पास नहीं हुई तो जान दे देगी।
बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान परीक्षकों को हर दिन परीक्षार्थियों द्वारा पास करने के लिए पत्र और पैसे मिल रहे हैं। कोई आगे की पढ़ाई चालू रखने की गुहार लगा रहा है तो कोई परीक्षक को अपना पिता बनाकर पास करने की अपील कर रहा है। छात्रा ने आगे लिखा है कि ‘हमारे घर से कॉलेज बहुत दूर है, इसलिए महीने में एक या दो बार ही आना होता है। दोनों भाई छोटे हैं। उन्हें सुबह स्कूल भेजने के लिए तैयार करना पड़ता है। उन्हें पढ़ाने में भी बहुत खर्चा आता है। इसलिए सर पास जरूर कर देना, मेरा सपना मत तोड़ना। मैं बहुत परेशान रहती हूं। सर, आपको मेरी कसम है, मुझे पास जरूर कर देना। आपकी महान कृपा होगी। हम आपके लिए दुआ करेंगे। फिर छात्रा ने तीन बार मुझे पास कर देना लिखने के बाद अन्त में लिखा है कि नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगी। आपसे निवेदन है। परीक्षक उस पत्र को पढ़ने के बाद भावुक जरूर हुए लेकिन उन्हें उस छात्रा को पास नहीं करना पड़ा। जब उन्होंने नम्बर जोड़ा तो वह 55 प्रतिशत नम्बर पाकर पास थी।