मुजफ्फरनगर: सहारनपुर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में लगातार दलित समाज द्वारा धर्मपरिवर्तन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मुजफ्फरनगर में भी 14 जून बुधवार को बड़ी संख्या में दलित समाज ने बोद्ध धर्म की दीक्षा लेते हुए धर्म परिवर्तन कर लिया है। धर्म परिवर्तन करने वाले दलित समाज के लोगों का कहना है की वर्षो से दलितों का उत्त्पीड़न होता चला आ रहा है। दलित को और दलित बनाया जा रहा है। सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा में दलितों के साथ अत्याचार ही नहीं बल्कि भेदभाव कर सरकार ने दलित पीड़ितों की कोई आर्थिक और कानूनी मदद नहीं की।
दरसअल मामला मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र के गांव न्यामू का है। जंहा 14 जून बुधवार दोपहर गांव के रविदास मंदिर में गांव के सैकड़ों दलित समाज के परिवार ने दलित समाज छोड़ बोद्ध धर्म की दीक्षा लेकर धर्म परिवर्तन कर लिया है। जिसमें महिलाएं पुरुष, और युवाओं ने काफी बढ़चढ़ कर भाग लिया। धर्म परिवर्तन करने वाले दलित लोगों का कहना है की दलितों पर हो रहे अत्याचार पर सरकार और जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रही है।
सहारनपुर में हुई हिंसा में दलित समाज पर एक तरफा कार्रवाई गयी। उनके घर जला दिए गए और उनके ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गयी है। हमने मुख्यमंत्री जी को एक ज्ञापन भी भेजा था। उसमें कहा गया था की सरकार अगर दलितों पर एक तरफा कार्रवाई करेगी तो सभी दलित समाज के लोग धर्म परिवर्तन के साथ-साथ जेल भरो आंदोलन चलाएंगे।
कल सैकड़ों दलित समाज ने बोद्ध धर्म की दीक्षा लेकर बौद्ध धर्म अपना लिया है। देश को आजाद हुए 70 वर्ष हो गए लेकिन दलित आज भी दलित हैं। इनके विकास के लिए सरकार ने अब तक कुछ नहीं किया है।