छत्तीसढ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया। फाइल फोटो।
रायपुर.सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने के कांग्रेस के तमाम दावों की रविवार को कांग्रेस भवन में पोल खुल गई। मुख्यमंत्री पद के तीनों दावेदार पुनिया के सामने ही बिफर पड़े। बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई बैठक में दिग्गज नेताओं भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और चरणदास महंत ने इशारों में ही नाराजगी जता दी। नेताओं ने इशारों में जो कहा उससे साफ हो गया कि आने वाले दिनों में कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान तेज होगा। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि वरिष्ठ नेताओं के बीच अभी भी खींचतान चल रही है।
– हालांकि, महंत के तल्ख तेवर को पूर्व सांसद देवव्रत के इस्तीफे के साथ ही जिलाध्यक्षों के चयन के दौरान उनकी पीसीसी चीफ से हुई तनातनी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरी तरफ, पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने भी रायपुर के नेताओं को दूसरे क्षेत्रों में जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि वे अब इस तरह की कवायद को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
– उधर, सिंहदेव ने भी बूथों में कम वोटिंग की बात उठाते हुए आंतरिक गुटबाजी के परिणाम को उजागर किया।
महंत के बोल – अपने क्षेत्र में करें काम, दूसरे के जिले में न करें हस्तक्षेप
– पूर्व राज्यमंत्री चरण दास महंत ने दो टूक लफ्जों में संदेश दिया कि दूसरे जिले में जाकर नेता का चयन न करें। दूसरे के जिले को डिस्टर्ब मत करिए। महंत ने जिस अंदाज में अपना भाषण शुरू किया। उससे साफ हो गया कि वे पीसीसी चीफ की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं।
-उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल ने इस बार बहुत जोर देकर विश्वास दिलाया है कि इस बार संगठन काम करेगा। अब चूंकि उन्होंने कहा है कि संगठन काम करेगा तो आपके मन में कोई शंका नहीं होनी चाहिए। इसलिए निष्ठा पूर्वक कांग्रेस का काम करिए।
-इस बीच शिव डहरिया ने उनसे कुछ कहा। इसके बाद महंत ने कहा कि डहरिया कह रहे हैं कि अपने क्षेत्र में काम करिए। इसके बाद नसीहत के अंदाज में महंत ने कहा कि अपने क्षेत्र में काम करिए। अपने क्षेत्र में रहिए। अपने क्षेत्र में उम्मीदवार छांटिए, दूसरे जिले में उम्मीदवार छांटने भी मत जाइए।
भूपेश ने कहा, नेता अपने क्षेत्रों में ही रहें
-पिछले चुनावों में मिली हार को सबक मानते हुए पीसीसी चीफ भूपेश बघेल भी बैठक में काफी सख्त दिखे। टिकट के बाद पार्टी में बढ़ने वाली गुटबाजी की आेर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में नेता अपना जिला छोड़ कर नहीं जाएंगे।
-उन्होंने खासतौर पर रायपुर जिले के नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव के वक्त सबसे ज्यादा पलायन रायपुर के कांग्रेसी नेताओं का ही होता है। उन्हें बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है।
-उन्होंने कहा कि यह सोचना छोड़ दीजिए कि अपनी पसंद का प्रत्याशी मिलेगा या नहीं। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरोध के कारण ही कांग्रेस हर बार बहुत कम मार्जिन से चुनाव हार जाती है।
-उन्होंने कहा कि इस बार प्रत्याशियों के साथ-साथ संगठन भी चुनाव लड़ेगा। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो टिकट के दावेदार हैं। वे संगठन के पदों से मुक्त हो जाएं और क्षेत्र में काम करें।
उम्मीदवार पसंद का हो या न हो, उसके लिए काम करना ही होगा : पुनिया
-प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने पार्टी में चल रही गुटबाजी पर साफ लफ्जों में कहा कि सभी को विधानसभा के उम्मीदवार को जिताने के लिए मिलकर काम करना होगा।
-उन्होंने कहा कि हम कार्यकर्ताओं के पसंद का ख्याल रखेंगे, लेकिन यह परंपरा छोड़ दीजिए कि हमारी मर्जी का कंडीडेट नहीं है तो उनके लिए काम नहीं करना है। जो भी उम्मीदवार होगा उसके लिए काम करना है। पार्टी नेताओं को गुजरात चुनाव से सबक लेते हुए छत्तीसगढ़ में भी नगर जीतने की रणनीति बनानी है।
-उन्होंने कहा कि शहर के भीतर हमें मजबूत होना है। नए साल में सभी ये संकल्प लें कि बहुत बड़े अंतर के साथ जीतकर सरकार बनाएंगे।
सिंहदेव ने कहा- चुनाव के समय बूथ प्रभारी क्यों ढूंढना पड़ता है ?
-टीएस सिंहदेव ने इशारों में बूथों में कम मतदान का जिक्र करते हुए नेताओं के दूसरे क्षेत्र में सक्रियता पर तंज कसा। उन्होंने सवाल सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा क्यों होता है कि चुनाव के समय हमें बूथ प्रभारी ढूंढ़ना पड़ता है। -कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस पर सोचना चाहिए। अपने क्षेत्र का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आज भी कई ऐसे बूथ हैं जहा हमें 5-6 वोट मिलते हैं। यह शर्मनाक स्थिति है। ऐसा क्यों होता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आव्हान करते हुए उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में