लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिए गए रात्रिभोज में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती समेत कई प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया था लेकिन, मायावती और अखिलेश नहीं पहुंचे। दरअसल, इस भोज के जरिए उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति चुनाव के समीकरण की संभावनाएं तलाशी जानी थी लेकिन, नेताओं के न पहुंचने से विपक्ष की दूरियां साफ उजागर हो गईं।
मोदी रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित भोज में करीब साढ़े आठ बजे पहुंचे। मोदी वहां से दस बजकर दस मिनट पर वापस राजभवन आ गए। मुख्यमंत्री आवास में मौजूद प्रमुख लोगों से अभिवादन और कुशलक्षेम के बाद वह भोज में शामिल हुए। मेजबान की भूमिका में योगी ने मोदी की पसंद का ख्याल रखा। अतिथि देवो भव की परंपरा का निर्वाह करते हुए उन्होंने पीएम की खातिरदारी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। भोज के जरिए कोविंद की उम्मीदवारी पर विपक्ष का समर्थन जुटाने की भी कोशिश थी लेकिन, नेताओं के अलग-अलग रुख से संभव नहीं हो सका। मुलायम मोदी के करीब रहे और साथ में ही भोजन किया। भोज में पहुंचने से पहले ही मुलायम ने रामनाथ कोविंद की सराहना भी की। यह मुलायम की ओर से कोविंद के समर्थन की ही भूमिका रही पर अकेले उनके भर से सपा के समर्थन का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। अखिलेश यादव कह चुके हैं कि वह दिल्ली में गुरुवार की बैठक के बाद ही राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई फैसला करेंगे।
मायावती ने कोविंद की उम्मीदवारी का स्वागत जरूर किया है लेकिन, वह भी राजग खेमे से दूरी बनाए रखना चाहती हैं। भोज में राज्यपाल राम नाईक, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, विधान परिषद सभापति रमेश यादव, केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येशो नाईक, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबा साहब भोसले, कई वरिष्ठ न्यायाधीश, मुख्य सचिव, डीजीपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
सीएम के घर पहुंच पीएम ने रचा इतिहास
यह महज संयोग ही नहीं बल्कि इतिहास में दर्ज होने वाली एक खास घटना भी है। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पहुंचकर भोजन किया। यह दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पुराने नेताओं को भी याद नहीं कि कोई प्रधानमंत्री कभी मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में गया हो। इस लिहाज से नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री आवास पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। इस भोज के जरिए मोदी ने सामंजस्य बिठाने के साथ ही उप्र में राष्ट्रपति चुनाव के समीकरण का भी अंदाजा लगाया। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित पहले ही बता चुके हैं कि उनकी याददाश्त में कोई पीएम सीएम आवास नहीं गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें भी याद नहीं कि कोई पीएम सीएम के आवास पर गया है।
भोज से संघ, सरकार और भाजपा में समन्वय
मुख्यमंत्री के भोज के जरिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा संगठन और सरकार के बीच समन्वय पर भी जोर रहा। सोमवार को ही आरएसएस के बड़े पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद मंगलवार को हुए इस भोज में आपसी मजबूती का भी ताना-बाना मजबूत हुआ। आरएसएस के कई बड़े पदाधिकारियों के अलावा भाजपा के प्रदेश महामंत्रियों, लखनऊ के जिला और महानगर अध्यक्ष, लखनऊ के सभी विधायक और महापौर भी शामिल हुए। करीब सौ लोगों को भोज के लिए आमंत्रण था। ज्यादातर भाजपा और सरकार से ही जुड़े लोग भोज में थे। दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा भी मोदी के इर्द-गिर्द नजर आए।
परोसा गया गुजराती और उत्तर भारतीय भोजन
मुख्यमंत्री के रात्रि भोज में प्रधानमंत्री को गुजराती और उत्तर भारतीय भोजन परोसा गया। यंू तो दो दर्जन व्यंजन बनाए गए थे। कैटरिंग की व्यवस्था होटल ताज विवांता ने की थी। होटल ने गुजराती खाने के लिए वहां से विशेष शेफ बुलाया था। गुजराती खिचड़ी, पंचफूटन, चिराला बैगन, गुजराती कढ़ी, बादशाही खिचड़ी, पनीर मखाना, दिलपसंदा, पालक कॉर्न, बरेली भिंडी, आलू पुदीना और काली मिर्च, दाल मखानी, दाल तड़का और सभी तरह की रोटी परोसी गई। वेजिटेबल और स्वीट कॉर्न सूप भी मेहमानों के लिए उपलब्ध था।
मोदी ने कहा धन्यवाद
मोदी ने वापसी में योगी को धन्यवाद दिया। योगी ने मोदी को बुद्ध की प्रतिमा और शॉल भेंट की तो मोदी बोले अभी यह भी है क्या।