सीतापुर-अनूप पाण्डेय:NOI।
उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर नगरपालिका के चुनाव में अब नया मोड़ आ रहा है. ये चुनाव अब दो दिन बचे हुए है और प्रत्यासी अपनी पूरी ताकत झोक रहे है अब प्रत्याशियों की अपनी प्रतिष्ठा पे बन गया है
सीतापुर नगर पालिका में बेजेपी राजेश शुक्ला, सपा से राधे श्याम, बसपा से चंचल श्रीवास्तव, कांग्रेस से संजय गुप्ता. दूसरी तरफ़ निर्दलीय प्रत्याशी टिंचु गुप्ता भी खुद को कमजोर नही मान रहे है.
बीजेपी से राजेश शुक्ल 10 साल बाद सीतापुर में चुनाव मैदान में है. इसके पहले ये बीजेपी से सभासद हुआ करते थे. संघर्ष भी इन्होंने काफी किया. चर्चा है इनके लखनऊ में भाजपा के नेताओ से अच्छे संबंध है. और ये प्रॉपर्टी का काम करते है.
अब सपा की बात कर लें. राधे श्याम जायसवाल को अखिलेश यादव ने टिकेट दिया है. राधे श्याम जायसवाल सबसे पहले पुलिस लाइन से सभासद हुए थे. उसके बाद नगरपालिका चेयरमैन हुए. और फिर विधायक. एक बार हारने के बाद. दोबारा फिर अपनी बहू रश्मि जायसवाल को नगर पालिका की सीट पर बैठाया. लेकिन इसी बीच भाजपा की लहर में वो खुद चुनाव हार गए. अब वो खुद चुनाव मैदान में है. गरीबो के मसीहा कहा जाते है. और राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाते है.
बहुजन पार्टी से चंचल श्रीवास्तव चुनाव मैदान में है. पहली बार लोगो के बीच आये है. पारिवारिक छवि बहुत खराब है. लोग इस परिवार से काफी भयभीत रहते है. लेकिन चंचल पर कोई भी केस दर्ज नही है. इनकी छवि लोगो के बीच बेहद अच्छी है. यही वजह है बसपा ने इनपर भरोसा जताते हुए इन्हें टिकेट दे कर भरोसा किया है. और जनता के भी नज़दीक होते दिखाई दे रहे है.
कांग्रेस प्रत्याशी संजय गुप्ता एक चार्टेड एकाउंटेंट है. संजय पढ़े लिखे है. और पहली बार सीतापुर से चुनाव लड़ रहे है. इनके परिवार वाले पहले सेही कांग्रेस से जुड़े रहे है. कांग्रेस से इन पर एक दांव खेला है. अब देखना है कि संजय बीजेपी, सपा, बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी टिंचू गुप्ता से खुद को कैसे आगे निकाल पाएंगे.
निर्दलीय प्रत्याशी टिंचू गुप्ता पुराने समाजवादी है. बेहद गंभीर शख्स है. इनका परिवार पिछले 25 सालों से मुलायम सिंह और अखिलेश यादव से जुड़ा हुआ है. टिंचू खुद छात्र नेता रहे है. खुद राजनीत के बड़े कर्मठ नेता है. हर चाल को बड़ी बारीकी से समझते है. याद रहे ही की पिछले चुनाव में संजीव उर्फ़ टिंचू गुप्ता कम वोटों से हारे थे. यही वजह है की इस बार दोबारा मैदान में है भरोसा है जीत मिलने की संजीव उर्फ़ टिंचू कोई मौका छोड़ना भी नही चाहते ।