उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के गोदलामऊ में बिना बिल बाउचर कार्यो का हुआ भुक्तान हैण्डपम्पो की मरम्मत पर लाखो की ठगी बिना टेंडर कराये गये कार्य ।जहाँ स्वच्छता अभियान में केंद्र सरकार तथा यू पी सरकार करोङो रुपया पानी की तरह बहाकर स्वच्छ भारत बनाना चाहते है उसी देश के प्रदेश में सीतापुर जनपद गोदलामाऊ विकास खण्ड में 13 ग्राम पंचयतो के प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी भृष्ट्राचार में लिप्त है। सक्षम जाँच एजेंसी द्वारा की गयी बित्तीय अनियमत्ता सिद्ध हो जाने के उपरांत भी कार्यवाही से बंचित है कार्यवाही के नामपर उच्चाधिकारी मौन दिखतें है क्या होगा ऎसे देश का !
विकास खण्ड -गोदलामाऊ में जिलाधिकारी के निर्देशन में 13 ग्राम पँचायतो की जिलास्तरीय गठित समित द्वारा स्थलीय जाँच करायी गयी जिसमे घोर बित्तीय अनियमताओ को करके सरकारी धन का बंदरबाँट किया गया है ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला सीतापुर के विकास-खण्ड गोदलामाऊ में 13 ग्राम पँचायतो में सरकरी धन का हुये बन्दरबॉट की जानकरी होने पर जिलाधिकारी सीतापुर द्वारा शिकायत प्राप्त होने पर एक जिलास्तरीय जाँच समित का गठन किया जिसमे उप कृषि निदेशक विनोद कुमार यादव व सहायक अभियंता डी आर डी ए ए के सिंह को स्थलीय जाँच कर भ्र्ष्टाचार को उजागर करने के लिए भेजा । उक्त जिलाधिकारी द्वारा गठित समित ने 13 ग्राम पंचायतो का स्थलीय निरीक्षण व भौतिक सत्यापन किया गया जिसमे ग्राम पंचयतो में कराये गये कार्यो में घोर भ्र्ष्टाचार पाया गया क्योकि कराये गये कार्यो का स्थलीय सत्यापन जाँच में अंकित कार्य घोर बित्तीय अनियमत्ताओ को जन्म देता है इसमे ज़ी पी डी पी मनरेगा ,स्वच्छ भारत मिशन , के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में कराये गए कार्यो के बारे में पूर्ण जाँच आँख्या 27-12-2016 को जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना था लेकिन उक्त पूर्ण जाँचआख्या जाँच संम्पन्न होने पर अधोहस्ताछरी के समक्ष क्यों नही प्रस्तुत किया गया इससे ज्ञात होता है कि सम्बंधित जाँच आख्या ,जिलाधिकारी के पत्रांक संख्या 4253 /22 सितम्बर2016 सहित सिकायती पत्र को छुपाना एक अपराधिक कृत्य बनता है ।
जिसमे मुख्य विकाश अधिकारी सीतापुर , डी डी ओ व् डी पी आर वो ने अपना पल्ला झाड़ रहे है आखिर क्यों सेक्रेटरी को बचाने में लगे है ।
उक्त प्रकरण पर बित्तीय अनियमत्ताओ में लिप्त ग्राम पंचायत अधिकारी पर कार्यवाही न करना अपराध को बढ़ावा देना है जिससे यह सिद्ध होता है कि इस प्रकरण में उच्चधिकारियो की संलिप्तता दिखायी पड रही है जो अपराधिक कृत्य में सामिल होकर बन्दरबाँट करना प्रतीत होता है ।