दीपक ठाकुर:NOI।
कुष्ठ उन्मूलन दिवस पर मंगलवार को राजधानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काकोरी में ‘स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान 2018’ के तहत कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सभी चिकित्सा अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर एनएमए धर्मेन्द्र दीक्षित द्बारा उपस्थित जन समूह को कुष्ठ रोग कैसे होता है? उसके उपचार व बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस मौके पर सभी ने खाई कसम ली कि नहीं करेंगे भेदभाव…
स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान 2018 के तहत आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों ने शपथ ली कि वे पूरी ईमानदारी से कुष्ठ रोगियों के लिए काम करेंगे। उनके साथ कोई भेदभाव नहीं करेंगे।
आप भी विस्तार से जानिए के क्या है कुष्ठ रोग…
कुष्ठ रोग एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम लेप्री बैक्टीरिया द्वारा फैलता है। इसी बैक्टीरिया के कारण रोगियों में संक्रमण होता है। माइकोबैक्टीरियम लेप्री बैक्टीरिया रोगी की त्वचा को प्रभावित करता है और तंत्रिकाओं को नष्ट कर देता हैं। इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों की पसीने और तेल की ग्रंथियां सूख जाती हैं। उनमें रोशनी, स्पर्श या दर्द की सनसनी महसूस करने की क्षमता में कमी हो जाती है। यह रोग मांसपेशियों में पक्षाघात पैदा कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हाथों और पैरों में ऊर्जा की कमी हो जाती है। कुष्ठ रोग मुख्यतया खांसने और छींकने से फैलता है।
कुष्ठ रोग के लक्षण
त्वचा पर हल्के लाल, गहरे या हल्के स्पॉट/धब्बे हो सकते हैं
ये स्पॉट/धब्बे सुन्न हो सकते हैं
त्वचा के प्रभावित हिस्से के बाल झड़ सकते हैं
हाथ, उंगली या पैर की अंगुली की सुन्न हो सकती है
पलकों के झपकने में कमी
कुष्ठ रोग का उपचार
डब्ल्यूएचओ की सिफ़ारिश के अनुसार, कुष्ठ रोग का प्रभावी उपचार एमडीटी यानी मल्टी ड्रग थेरेपी द्वारा किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी सामुदायिक स्वा केन्द्र व सभी प्रा स्वास्थ्य केंद्रों पर एमडीटी की दवा नि:शुल्क उपलब्ध है। प्रारंभिक अवस्था के कुष्ठ रोगियों को एमडीटी दी जाती है, जिसकी एक खुराक 99 फीसदी बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है।