दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। हर किसी को ये बात भली भांति पता होगी कि यदि कोई व्यक्ति रोग से ग्रस्त है तो दवा के साथ साथ उसके लिए साफ सुथरी व्यवस्था भी ज़रूरी है।इसी लिये वहां सफाई ज़रूर करनी चाहिए जहां कोई रोगी अपना इलाज करवा रहा हो।मगर आप आज हमारी तस्वीरों को देख कर अंदाज़ा लगाइए के जिस आपताल का बाथरूम ऐसा है वो भी प्राइवेट वार्ड का वहां के जनरल वार्ड की क्या स्थिति होगी।
बलरामपुर अस्पताल सरकारी होने के कारण लोगो को ये उम्मीद रहती है कि यहां अच्छे डाक्टरो से अच्छा इलाज कम पैसे में मिल जाएगा और शायद यही कारण भी था जो इसी अस्पताल में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी भी अपना इलाज कराने इसी अस्पताल में एडमिट हुई और उन्हें प्राइवेट रूम नंबर 10 में रखा गया।यहां तक तो सब ठीक था एक कमरा दो बिस्तर और एक सोफा भी पड़ा हुआ था मगर जब मरीज़ और उनके तीमारदार ने बाथरूम का रुख किया तो उनके होश फाख्ता हो गए ये सोच कर की सरकार साफ सफाई को मिशन के रूप में ले रही है और उन्ही की संस्था इसको दावत देने का काम कर रही है।
बाथरूम का आलम ये था कि छत से पानी की बूंदे टपक रही थी सिस्टेन लकड़ी के बल पर रुका था और गंदगी बेशुमार थी ऐसा इंतज़ाम देख कर तो यही लग रहा था कि कहाँ सरकारी अस्पताल में आ कर बीमार को और बीमार कराने चले आये इससे अच्छा तो प्राइवेट अस्पताल ही था।लेकिन फ्रीडम फाइटर की पत्नी फिलहाल उसी रुम और उसी बाथरूम के सहारे अपना इलाज करवा रही है ऐसे में उनकी स्थिति में जल्दी सुधार होने की कामना ही कर सकते है क्योंकि गंदगी खुद एक भयंकर बीमारी को दावत देने का काम करती है जो बात शायद बलरामपुर अस्पताल के ज़िम्मेदार लोग और सरकारी तंत्र भुला बैठे हैं।