नई दिल्ली। नई हज नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को सौंपे गए इस ड्राफ्ट में हज के लिए मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव है। पूर्व सचिव अफजल अमानुल्लाह की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा तैयार ड्राफ्ट में कुल 16 सिफारिशें हैं। खर्च घटाने के लिए हज यात्रियों को हवाई जहाज के बजाय समुद्री रास्ते से भेजने का सुझाव भी दिया है। सूत्रों के मुताबिक ड्राफ्ट तैयार करते वक्त साल 2012 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ख्याल रखा गया है।
कोर्ट ने 2022 तक सब्सिडी खत्म करने को कहा था। सूत्रों के अनुसार सब्सिडी से बचने वाली रकम मुस्लिमों की शिक्षा, सशक्तिकरण और कल्याण पर खर्च की जाएगी। ड्राफ्ट पर अभी मंत्रालय विचार करेगा। मंजूर होने वाली सिफारिशों पर अमल से पहले संबंधित पक्षों से भी बातचीत की जाएगी।
– 45 साल से अधिक की महिलाएं 4 या अधिक के ग्रुप में बिना मेहरम हज पर जा सकेंगी। मेहरम यानी ऐसा पुरुष जिससे महिला कभी शादी न कर सके। जैसे पिता, भाई और बेटा। 45 से कम की महिलाएं मेहरम के साथ ही जाएंगी। मेहरम का कोटा भी 200 से बढ़ाकर 500 किया जाए।
– हज यात्रियों के प्रस्थान के स्थान 21 से घटाकर 9 करें। यह दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू आैर कोचीन में बनें। यहां हज हाउस भी बनाए जाएं।
– हज यात्री हवाई जहाज के बजाय समुद्री मार्ग से जाएं। सऊदी सरकार से चर्चा के बाद शिप ऑपरेटर्स से आवेदन मांगकर मार्केट का अंदाजा ले सकते हैं। एक शिप में चार हजार से ज्यादा यात्री जा सकेंगे। 10 फेरों में 40 से 50 हजार यात्री चले जाएंगे।
– अगले पांच साल के लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया और प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के बीच हज कोटा का बंटवारा 70:30 के रेशियो में किया जाए। भारत का सालाना हज कोटा 1.70 हज यात्रियों का है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि 2018 में हज नई नीति के तहत ही होगा। प्रस्तावित सुविधाओं के लिहाज से यह बेहतर नीति है। पारदर्शिता आएगी। हज यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।