दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया।हेडिंग देख कर ही आपको अंदाजा हो गया होगा कि हम उस स्कूल की बात कर रहे हैं जहां बच्चो को शिक्षा के नाम पर मौत परोस दी जाती है पहले देेेव्यांंश और अब प्रधुम्न ठाकुर उम्र सात साल स्कूल के बाथरूम में निर्दयता की पराकाष्ठा के साथ हत्या फिर भी स्कूल सर उठा के खड़ा है इक्का दुक्का पर कारवाई के लालीपाप के साथ।
कमाल है हमारा सरकारी सिस्टम भी कहते हैं स्कूल पर प्रतिबंध नही लगा सकते सही है इक्का दुक्का मौत से क्या फर्क पड़ता है वो भी आम आदमी का अरे फर्क तो तब पड़ता जब बच्चा सिस्टम के किसी व्यक्ति का होता।जिस मौत पर पूरा देश आंसू बहा रहा है जिसके माता पिता बदहवास हो कर न्याय की भीख मांग रहे हैं उनके लिए स्कूल कैसे बंद कर दिया जाए भाई सरकार को सब कुछ देखना पड़ता है आप समझ ही गए होंगे सबकुछ में क्या क्या आता है।
रही बात जांच कराए जाने की तो वो बोल दिया है पर जिस जांच की मांग सारा देश कर रहा है वो नही हो पाएगी ये भी इनकी मजबूरी ही होगी यहां एक बात हम देश के प्रधानमंत्री जी से भी कहना चाहेंगे कि आपसे खुले तौर पर पीड़ित परिवार ने विनती की है कि सीबीआई से जांच करा दीजिये पर आपने कोई आश्वासन तक उनको नही दिया ना ही कोई खेद व्यक्त किया ऐसा क्यों ये तो पता नही पर करते तो शायद पीड़ित परिवार को ज़रूर थोड़ी राहत मिल जाती क्योंकि उनको आप पर भरोसा है।
वहां की सरकार उनपर लाठी चलवा रही है जो बच्चे के लिए इंसाफ मांग रहे हैं सरकार भी आपकी ही है कम से कम राज्य सरकार को कुछ तो निर्देश दीजिये के इस मामले में थोड़ा संजीदा रहे क्योंकि यहां दिल पर चोट लगी है जो बहुत गहरी होती है।