बरेली – हरियाणा में ईमाम को थप्पड़ मारने के बाद एक और ईमाम को पीटने की खबर आ रही है, बरेली बिहारीपुर स्थित बीवीजी मस्जिद में पिछले पांच से ईमामत कर रहे बिहार निवासी महमूद आलम को दुसरे समुदाय के युवकों द्वारा पीटे जाने के बाद से शहर के हालात तनावपूर्ण है.
ख़बरों के मुताबिक ईमाम रात को मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए घर से निकले थे इसी समय दुसरे समुदाय को आधा दर्जन युवकों ने उन्हें घेर लिया और गाली गलोच करने से साथ साथ मारपीट पर उतर आये. जिससे ईमाम का सिर फूट गया.जिसके तुरंत बाद हजारों की तादात में मुस्लिम समुदायों के लोग सड़कों पर उतर आये जिससे तनाव की स्थिति बन गयी, भीड़ ने कोतवाली पहुंचकर तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों गिरफ़्तारी की मांग करने लगे.
दरगाह आला हजरत से अदनान मियां ने की अगुवाई
ईमाम को पीटने जाने की खबर सुनकर दरगाह आला हज़रत से अदनान मियां तुरंत लोगो को लेकर कोतवाली पहुँच गये, कोतवाली में लगभग 1 घंटे तक हंगामा हुआ और चार घंटे में गिरफ़्तारी का समय दिया. रजा एक्शन कमेटी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अदनान रज़ा खां ने कहा की कुछ “फिरकापरस्त लोग शहर का अमन खराब करने की कोशिश में हैं। प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।”
हंगामे के दौरान मौजूदा चंद पुलिसकर्मी भी सकते में आ गए। उसके बाद धीरे-धीरे इज्जतनगर, प्रेमनगर, बारादरी, किला समेत शहर भर की फोर्स बुलाई गई। भीड़ के जाने के बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और आरएफ को भी पुलिस लाइन्स से बुला लिया। बीस दिन पहले इमाम ने कराया था मारपीट, लूट का मुकदमा बीस दिन पहले भी इमाम की दूसरे पक्ष से मारपीट हुई थी। आरोप था कि दूसरे पक्ष के दीपू यादव, रोहित यादव समेत आधा दर्जन लोगों ने उन्हें पीटा और रुपये लूट लिए थे। बाद में पुलिस ने आरोपी दीपू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
रात में फिर की गयी माहौल खराब करने की साज़िश
बरेली के ही रामजानकी मंदिर के पास एक मस्जिद के सामने शनिवार को सावन पर भंडारा चल रहा था। रात करीब साढ़े दस बजे भंडारे में किसी ने मेज भगवान की मूर्ति रख दी। मूर्ति रखने के बाद जैसे ही भगवान के जयघोष करने के साथ नारे लगाने शुरू किए तो दूसरे समुदाय के लोग भड़क गए। सड़क पर उतार आए और मस्जिद के सामने मूर्ति स्थापना करने की बात कहकर विरोध पर उतर आए। भंडारा कर रहे कार्यकर्ता भी आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों के बीच तनातनी होने पर माहौल गरमाया तो सूचना पर प्रेम नगर पुलिस, यूपी-100 की तीन गाड़ियां सहित फोर्स पहुंच गया। भंडारा कर रहे युवकों ने महज प्रतीक और आयोजन के लिए मूर्ति रखने का कारण बताया और आयोजन के बाद सामान व मूर्ति हटाने का भरोसा दिया, तब दूसरे समुदाय के लोग शांत हुए।