लखनऊ,न्यूज़ वन इंडिया-दीपक ठाकुर। भाजपा के लिए 2जी घोटाला 2014 की जीत की सौगात बन कर आया उसी घोटाले के मामले में जो फैसला आया उसने दोषी को दोष मुक्त कर बोलने का ऐसा मौका दिया कि सरकार की बोलती ही बंद कर दी।वैसे तो सरकार के पास अभी भी ऊपरी अदालत जाने का मौका है लेकिन ट्रायल कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उससे यही लगता है कि 2जी उतना बड़ा घोटाला नही था जितना यूपीए को सत्ता मुक्त करने का विपक्षी पार्टी का इरादा था।
भाजपा सरकार पर फैसला आते ही आरोपों की बौछार शुरू हो गई कांग्रेस पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार इसके लिए देश से माफी मांगे वही वित्त मंत्री अरुण जेटली कहते है कि कांग्रेस इसको अपना सम्मान पत्र ना समझे घोटाला हुआ है आगे तक जाएंगे।
अब सवाल ये उठता है कि सरकारी तंत्र की लापरवाही क्यों सामने आई जो सीबीआई ने इस 2जी घोटाले को सुबूत के आभाव में सिरे से नकार कर तत्कालीन टेलीकॉम मिनिस्टर ए राजा सहित 17 आरोपियों को बाइज़्ज़त बरी कर दिया।दूसरा भ्र्ष्टाचार के खिलाफ लामबंद पार्टी सत्ता में आने के बाद इतने बड़े भ्र्ष्टाचार को लेकर आंखे मूंद कर क्यों बैठ गई।
ट्रायल कोर्ट के फैसले से जनता भी सकते में है क्योंकि जनता भी मान चुकी थी कि यूपीए सरकार में 2जी जैसा बड़ा घोटाला हुआ जैसा भाजपा कहती थी तो क्या ये फैसला भाजपा पर किये गए जनता के भरोसे को गलत नही साबित कर रहा।