दिल्ली में पटाखे बैन करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है। लेखक चेतन भगत, पूर्व क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग, संघ विचारक राकेश सिन्हा ने अदालत के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। वहीं पर्यावरण से जुड़े संगठनों का कहना है कि दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला अहम है। चेतन भगत ने ट्वीट कर कहा कि आखिर हिन्दुओं के त्योहारों के साथ ही ऐसा क्यों होता है। चेतन भगत ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के कई और भी तरीके हैं, जैसे बिजली का कम उपयोग, एससी को बंद करना, इनपर भी अदालतों और स्वयंसेवी संगठनों का ध्यान जाना चाहिए।
तथागत इससे पहले तब विवादों में आ गये थे जब उन्होंने म्यांमार से भारत आए रोहिंग्या मुसलमानों को ‘कूडा’ करार दिया था। तथागत रॉय ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘कोई भी इस्लामिक देश या बांग्लादेश रोहिंग्या को स्वीकार नहीं करता है, लेकिन भारत जो कि दुनिया का महान धर्मशाला है वो इन्हें शरण देता है।’ तथागत रॉय के मुताबिक लेकिन अगर आप इन्हें ना कहते हैं तो आप अमानवीय कहे जाते हैं। उन्होंने आगे कहा था कि भारत को ‘रोहिंग्या कूडा’ को शरण नहीं देनी चाहिए ऐसा कहने पर उन्हें इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा ट्रोल होना पड़ा था। इससे पहले तथागत रॉय ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का हवाला देकर कहा था कि भारत में हिन्दू-मुस्लिम समस्या का हल गृहयुद्ध है। इस राय के लिए भी उनकी काफी आलोचना हुई थी।