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Wednesday, January 22, 2025

​हिदुस्तान की आज़ादी में सबसे नुमाया किरदार मुसलमानों का है और इस मुल्क की खातिर ओलमाओं ने अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया………मुफ़्ती महफ़ूजुर्रहमान कासमी

बहराइच :(अब्दुल अज़ीज़):NOI। हर साल की तरह इस साल भी यौम ए आज़ादी 15 अगस्त के मौके पर मुकामी घण्टा घर पर में एक जल्सा ” जंग ए आज़ादी में ओलमा ए एकराम व मुस्लिम अवाम का किरदार ” के उन्वान से मुनक्किद किया गया जिसकी कयादत शहर के मशहूर बुर्जुग आलमे दीन हजरत मौलाना कारी जुबैर अहमद कासमी ने की और जल्से की निजामत के फरायज को हाफिज इकबाल साकिबी ने अंजाम दिया।

जल्से को ख़िताब करते हुये मुफ़्ती महफ़ूजुर्रहमान कासमी ने कहा कि हिंदुस्तान की आज़ादी में सबसे नुमाया किरदार मुसलमानों का रहा है और हमारे ओलमाओं ने इस मुल्क की आज़ादी की खातिर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया,लेकिन आज कुछ लोग इस मुल्क के ठेकेदार बनना चाहते हैं और समझते हैं कि मुसलमानों का इस मुल्क में कोई हिस्सा नही है, हालांकि इस मुल्क में मुसलमानों की तवारीख बहुत पुरानी है जिसके मुताबिक़ इस मुल्क में साढ़े आठ सौ साल मुसलमानों ने हुकूमत की है यही नही उन्होंने अदलो इंसाफ और मसावात के साथ हुकूमत की है।किसी भी गैर मुस्लिम धर्म के मानने वालों के साथ ना इंसाफी नही होने दी।सभी धर्म और जाति के लोगों के साथ बराबर बराबरी और इंसाफ का व्यवहार किया गया था।लिहाजा आज इस बात की जरूरत है कि मुसलमानों के साथ भी इंसाफ और बराबरी का हक मिलना चाहिये।इसके आलावा मुफ़्ती अब्दुल वहीद कासमी ने कहा कि हिंदुस्तान की आज़ादी के लिये मुसलमानों ने जितना अपना खून बहाया है उतना दूसरी कौम के लोगों ने पसीना भी नही बहाया।उन्होंने जोर देते हुये मुसलमानों से कहा कि आप अपनी तारीख को पढ़ें और अपने अकाबरीनों की कुर्बानियों को जानें व अपने हक को पहचानें।आखिर में जल्से का समापन मुल्क और मिल्लत की हिफाजत और तरक्की की दुआ के साथ किया गया।

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