रुपईडीहा, बहराइच:NOI। रुपइडिहा कस्बे में 8 मई को मौलाना मोहम्मद फारूक कासमी द्वारा संचालित मदरसा
दारुल उलूम अनवारिया द्वारा मुनक्किद ख़त्म-ए- नबूवत व हिन्दू मुस्लिम भाईचारा कॉन्फ्रेंस में सैकड़ो हिन्दू मुस्लिम भाइयों ने हिस्सा लिया। सबसे पहले दुआ के साथ प्रोग्राम शुरू हुआ। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मौलाना खालिद रसीद फिरंगी महली साहब को दारुल उलूम अनवारिया की ओर से शान्ति कमेटी के अध्यक्ष कमल मदेशिया, सचिव आचार्य दयाशंकर शुक्ल, भाईचारा के प्रतीक डॉ सनत कुमार ने फूलों का हार व दुशाला पहनाकर तथा चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
कस्बे में भाईचारा व सामाजिक समता स्थापित करने हेतु कमल मदेशिया, डॉ सनत कुमार शर्मा, आचार्य दयाशंकर शुक्ल, मनीराम शर्मा,संजय कुमार वर्मा, गज्जू सोनी, चेयरमैन अब्दुल वहीद, हाजी अब्दुल रहीम, आदि को सम्मानित किया गया। शान्ति कमेटी की तरफ से मौलाना फारुक को फूलों की माला व दुशाला पहनाकर तथा चिन्ह व प्रसश्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में कई आलिमो व प्रकाण्ड विद्वानों ने विश्व के धर्मो के पवित्र ग्रन्थ कुरान व वेद से आयत व श्लोक पढ़कर उसका अर्थ समझाते हुए कहा कि किसी भी धर्म में यह नहीं मिलता कि दूसरे धर्म के मानने वाले की मदद न करे। सभी धर्म मानव की सेवा के लिए कहता है। श्री शर्मा ने कहा कि इस छोटे से कस्बे में भाई चारे का जो पेड़ मौलाना फारूक ने लगाया है आने वाले वक्त में फलदार दरख्त की शक्ल अख्तियार करेगा। श्री शुक्ल ने कहा खालिद रसीद साहब की तरफ इशारा करके कहा कि अपने बड़ों की बात सुनकर उसपर अमल करने पर ही हम सब का फ़ायदा है।
मुख्य अतिथि मौलाना खालिद रसीद फिरंगी महली साहब ने पूर्व में बोले वक्ताओं की तारीफ की और कहा कि
मुल्क हिंदुस्तान के कस्बे रुपईडीहा में हिन्दू मुस्लिम एकता देखने को मिली इससे मुझे बहुत खुसी हुई है। लोगो का शुक्रिया अदा करते हुए कि ऐसे कार्यकर्मो को अखबारात व मीडिया को पुरे मुल्क में आम करना चाहिए। इससे फैली हुई आपसी नफरत ख़त्म हो जायेगी। जो पूरी दुनिया के अंदर हिन्दू मुस्लिम एकता की जो मिसाल दी जाती थी जो फिर से कायम होगा।
हमें ऐसे लोगो से बचकर रहना है जो हमें गलत दिशा देते है। तीन तलाक के मसले पर कहा कि इस्लाम की तालीम से गुमराह चन्द लोग बदनाम कर रहे है। इस्लाम धर्म औरत और मर्द को बराबर का दर्जा देता है। गुमराह व्यक्ति को इस्लाम से जोड़ना गलत है हमारे नबी ने बतलाया है कि हिंसा का जवाब अहिंसा से दो। हमारे नबी मोहम्मद सल्लललाहे अलैहेवसल्लम ने ऐसा समय समय पर करके बतलाया है। इस्लाम में कहा गया है कि बेटी को जहेज़ न देकर पुस्तैनी जमीन व दौलत में हिस्सा दे।
इस अवसर पर मौलाना महफुजुर रहमान, सिराज अहमद मदनी,सलीम बाबागंज, मुजम्मिल कासमी, मुफ़्ती अब्दुल्लाह व किफतुल्लाह, हाफिज शमीम अहमद, अहमद हुसैन व एजाज आदि ने अपनी अपनी बात रखी।
प्रोग्राम को सफल बनाने में मशहूर अहमद उर्फ़ चुन्ना भाई, मोहम्मद आसिफ,डॉ हबीबुल्ला,अकबर अली,शकील राई,मुहम्मद अहमद,मुदस्सिर, रसीद अहमद आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन मौलाना मुहम्मद फारूक कासमी ने किया तथा आगुन्तको का खैर मकदम किया।