जम्वाल ने कहा, इस महीने के अंत में राजपूत सभा की बैठक होगी जिसमें हम फिल्म पदमावती के विरोध को लेकर रणनीति बनाएंगे। उन्होंने पंजाब केसरी को बताया कि सुंदरनगर में प्रदेश के राजपूत जुटेंगे। फिल्म को हिमाचल में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
जम्वाल ने कहा, हिमाचल में राजपूतों का गौरवमयी इतिहास है जिसके साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र और हिमाचल सरकार फिल्म के रिलीज पर रोक लगाए अन्यथा इसका विरोध आंदोलन में तबदील हो जाएगा।
देश के कई क्षेत्रों में पद्मावती का विरोध होने के बाद अब इसकी चिंगारी प्रदेश में भी भड़क गई है। राजपूत संगठन ने कहा है कि इस फिल्म में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। संगठन ने फिल्म से आपत्तिजनक शॉट्स को एडिट करने की मांग की है या फिर फिल्म पर रोक लगा दी जाए। राजपूत संगठन मीडिया प्रवक्ता नवीन पठानिया ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ को गलत करार दिया है।
पठानिया ने कहा, फिल्म के ट्रेलर से ही राजपूत गुस्साए हुए हैंं। उन्होंने सभी राजपूत संगठनों से इसका विरोध करने का आह्वान किया है। राजपूत पद्मावती का जमकर विरोध करेंगे। इसका हिमाचल में तब तक विरोध होता रहेगा जब तक इसमें बदलाव या रोक नहीं लगाई जाती है।