नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के बाद कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने ईवीएम से छेड़खानी का आरोप लगाया था। भारत चुनाव आयोग लगातार ईवीएम में छेड़छाड़ की संभावना को नकारता रहा है और यहां तक कि राजनीतिक दलों को ईवीएम से छेड़छाड़ की चुनौती भी दी गई। इसके बाद हाल ही में आरटीआई से मिली जानकारी से चुनाव आयोग के दावों की पोल खुली थी। जब आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया था कि महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में हाल ही में हुए परिषदीय चुनाव के दौरान लोणार के सुल्तानपुर गांव में मतदान के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ की बात सामने आई।
मुख्य बातें-
वहीं अब दुनिया के सबसे बड़े हैकर्स ग्रुप में से एक माने जाने वाले डीएफसीओएन (DEFCON) ने अमेरिकी वोटिंग मशीन को हैक करने का दावा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हैकर्स ग्रुप का दावा है कि वो मात्र एक घंटे में ईवीएम को हैक कर सकते हैं।
‘डेक्कन क्रॉनिकल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हैकर्स ग्रुप ने साल 2015 से पहले के चुनावों में इस्तेमाल की गईं वोटिंग मशीन को हैक करने की इच्छा जताई। जिसके बाद डीईएफसीओएन के दावे को जानने के लिए ग्रुप को वोटिंग मशीनें मुहैया कराई गईं। इसके बाद जो नतीजे सामने आए उसने सबको हैरान कर दिया। हैकर्स ने महज तीस मिनट में वोटिंग मशीन को हैक कर दिया।
इस मामले में एक वीडियो भी सामने आया है। सीएनईटी न्यूज नाम के एक यू-ट्यूब चैनल ने इसे अपलोड किया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इन वोटिंग मशीन का इस्तेमाल 2014 को चुनावों में किया गया था।
वीडियो में दिखाया गया है कि वोटिंग मशीन को हैक करने का सबसे गुप्त हिस्सा उसके पीछे की तरफ होता है। जिसे यूएसबी पोर्ट कहा जाता है। वोटिंग मशीन में इनकी संख्या दो होती है दोनों ही मशीन के पिछले हिस्से की तरफ होते हैं।
हैकर्स ने इन पोर्ट की मदद से मशीन को आसानी से एक्सेस कर लिया। वीडियो में हैकर्स कहते नजर आ रहे हैं कि इन्हीं यूएसबी पोर्ट में मालवेयर अपलोड किया जिसके बाद मचचाहे नतीजे निकाले जा सकते थे। वीडियो में हैकर्स कहते नजर आ रहे हैं कि क्या आप जानना चाहते हो वोटिंग मशीन को कितनी देर में हैक किया गया है? एक हैकर ने 35 मिनट में वोटिंग मशीन हैक कर ली।
वीडियो के सामने आने के बाद भारत में फिर ईवीएम को लेकर नई बहस शुरु हो सकती है। भारत प्रमुख विपक्षी दल और कई सामाजिक संगठन ईवीएम के स्थान पर बैलेट से मतदान कराए जाने की मांग कर रहे हैं।