नई दिल्ली । देश में सबसे बड़े आर्थिक सुधारो के जनक रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 10 साल का कार्यकाल विवादों में घिरा रहा। जहाँ यूपीए-1 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था ने नए आयाम छुए वही यूपीए-2 पूर्णतया भ्रष्टाचार के लिए जाना गया। हालाँकि इस कार्यकाल में कुछ अच्छे काम भी हुए लेकिन भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आने के बाद वह काम कही छुप गए।
उस दौरान मनमोहन सिंह ने जितनी भी योजनाए शुरू की, चाहे आधार हो, मनरेगा हो, फ़ूड सिक्यरिटी बिल हो, सब्सिडी को सीधे लोगों के खातों में पहुँचना हो या जीएसटी को लेकर की गयी मसक्कत। इन सभी योजनाओं को ही आज मोदी सरकार आगे बढ़ा रही है और ख़ुद की वाहि वाहि करने में लगी हुई है। यही वजह है की एक बुराई की वजह से मनमोहन सिंह के कार्यकाल की कई अच्छी चीज़ें लोगों के सामने नही आ पायी।
ख़ुद मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख़्तर, मनमोहन सिंह को बेहतर प्रशासक मानते है। उनके अनुसार मनमोहन सिंह खुदा से भी बेहतर प्रशासक थे। जावेद अख़्तर द्वारा मनमोहन सिंह को लेकर इतनी बड़ी टिप्पणी करना दिखाता है की उनमें सरकार चलाने और जनता की भलाई के लिए अच्छी नितिया बनाने का हुनर था। जावेद अख़्तर ने यह टिप्पणी उर्दू के उत्सव ‘जश्न-ए-रेख्ता’ में व्यक्त किए।
उन्होंने बेहद ही हल्के फुल्के अन्दाज़ में कहा की अगर यक़ीन किया जाए तो सिंह खुदा से भी बेहतर प्रशासक थे। उन्होंने आगे कहा,’ मैं नहीं मानता कि खुदा है, और अगर है तो फिर बड़े शर्म की बात है कि उनके होते हुए दुनिया ऐसे चल रही है। बुरा न मानिए लेकिन हम कहते हैं कि मनमोहन सिंह के दौर में बड़े घोटाले हुए, ये हुआ, वो हुआ। लेकिन सोचिए, उनके गठबंधन के कुछ साथी भी थे, उनके अपने बॉस भी थे और उनकी कुछ मजबूरियां भी रहीं होंगी। फिर भी उन्होंने सरकार चला ली।’