नवेद शिकोह, लखनऊ। सेक्युलर जमातों और मुसलमानों के लिए बाबरी मस्जिद की शहादत से कम नहीं है ये गम। मोदी/भाजपा मुखालिफों की विलुप्त /दुर्लभ ताकत कहे जाने वाले ndtv का मोदी भक्त को बिक जाने की खबर ने आज ही से शुरू मोहर्रम का गम दोहरा कर दिया है। एक कट्टरपंथी सहाफी ने अपने रंज का इजहार करते हुए यहां तक कह दिया कि मोदी भक्त के हाथो ndtv का बिकना काबे में मूर्तियां रखने जैसा गजब अंधेर जैसा है।
भाजपा मुखालिफों का इल्जाम है कि मोदी सरकार ने देश की लगभग पूरी बड़ी मीडिया को अपने गुलाम बना लिया था लेकिन इस चैनल के स्तम्भ रवीश बिकने को तैयार नही हुए। वो लगातार सरकार की नाकामियों को दिखा रहे थे। सरकार के इशारे पर न नाचने की सजा में चैनल और चैनल के मालिक तमाम इल्जामात और जांच एजेंसियों के भंवर में फंसे हैं। इन सबके बीच चैनल की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही थी। बस ऐसे में सरकार की फांस बने NDTV को क़ब्ज़े में लेने का बेहतरीन मौका मिल गया। । स्पाइस-जेटलेने का हवाई कम्पनी चलाने वाले अजय सिंह अब ndtv के मालिक हो जायेंगे। मोदी भक्त पूंजीपतियों में अजय सिंह का नाम शामिल है। अजय सिंह को ” हर-हर मोदी, घर घर मोदी” नारे का रचियता भी बताया जा रहा है। जो अब यह तय करेंगे कि एनडीटीवी के चैनलों पर क्या दिखाया जाए।
मोदी भक्त के हाथों ndtv के बिकने की खबर से सेकुलर जमातों में कोहराम मचा है। दलित, मुस्लिम और वामपंथियों में निराशा छा गयी है।
किसी सीमा चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है कि विपक्ष को अब रवीश कुमार को प्रधानमंत्री के रुप मे प्रोजेक्ट कर देना चाहिए है।
” तेरा क्या होगा रवीश ” सोशल मीडिया पर ये वाक्य खूब वायरल हो रहा है।
किसी रईसा बेगम ने लिखा है- सिर्फ ndtv की सच्ची खबरें देखने के लिए ही घर में TV लगवाया था। बस अब कबाड़ी आने दो…..