लखनऊ – आसमोहम्मद कैफ/NOI| समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट की घोषणा मे समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा पत्रकारो को कहा कि जिसकी आप चापलूसी करते है उसने आपके लिए कुछ किया नही है और आप मुझे आप सबसे खराब सीएम बताते है , यह जबान की तल्खी थी और कलम की तल्खी ने सूबे के मौजूदा सीएम अखिलेश यादव के तमाम अपनो का राजनीतिक’ कत्ल ‘कर दिया ,कल लोकभवन मे अपने कार्यक्रम को आखिरी बताने वाले अखिलेश के चेहरे का तेज़ हल्का पड़ गया है।
सपा के टिकट वितरण मे अखिलेशवादियो को ठेंगा
दोपहर बाद पार्टी कार्यालय मे की गयी टिकटों की घोषणा मे पहले अखिलेश यादव के सबसे करीबी अरविंद सिंह गोप , रामगोविन्द चौधरी और पवन पाण्डेय का टिकट काट दिया गया और शाम मे अखिलेश यादव ने कहा की वो परिवार के खिलाफ अकेले लड़ रहे है , मगर सवाल यह है कि अखिलेश यादव अकेले क्यों पड़ गए है !
पिछले तीन महीने की कशमकश मे अब अखिलेश यादव बहुत कमजोर हो गए है ,पहले वो अपने संग़ठन के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गए और उसके बाद उनके चेहतो का निलंबन वापस नही हुआ , उन्होंने जिन मंत्रियो को बर्खास्त किया अब उन सभी को पार्टी ने कैंडिडेट बनाया है ,शिवपाल सिंह यादव ,नारद राय ,शादाब फातिमा ,ओमप्रकाश सिंह ,अम्बिका चौधरी ,शिवकुमार बेरिया ,योगेश प्रताप सिंह ,राज किशोर सिंह को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिया था ,मगर नेता जी ने उन्हें नवाज़ दिया है , जिन अंसारी बंधु को अखिलेश पार्टी मे शामिल करने के विरोधी थे उनमे सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट दे दिया है ,अतीक को प्रत्याशी बनाने पर उन्होंने एतराज़ जताया था मगर वो चुनाव लड़ेंगे , सहारनपुर मे अभी तस्वीर साफ नही है ,एमएलसी आशु मालिक के थप्पड मारकर चर्चा मे आये अयोध्या के विधायक पवन पाण्डेय को पार्टी ने पहले ही बर्खास्त कर दिया था ,मगर मंत्रीमंडल मे वो अभी भी है उनका टिकट काटकर आसीश पाण्डेय को दे दिया गया है , अखिलेश के सबसे करीबी मंत्री अरविंद कुमार गोप का टिकट काटकर बेनीप्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को टिकट दे दिया है ,संग़ठन से अखिलेश समर्थको की छुट्टी के बाद अब टिकट वितरण मे भी उन्हें नीचा दिखाया गया है ,अचानक से अखिलेश का इक़बाल कमजोर पड़ गया है , अब समाजवादी पार्टी कार्यालय गुलजार है और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट सुना पड़ा है , देर शाम अखिलेश ने कहा कि वो परिवार से लड़ रहे है
अपनो के टिकटो के काटे जाने पर अखिलेश ने झांसी मे कहा की वो अपनी बात रखेंगे ,मगर अखिलेश का चेहरा गंभीरता से भरा हुआ , कालिदास मार्ग पर चुप्पी है ,राजनेतिक हलको मे अखिलेश को कमजोर करने का जिम्मेदार सपा मुखिया को मान रहे है ,चर्चा है कि बापू उनके लिए हानिकारक हो गए है , आम जन मे अखिलेश यादव लोकप्रिय है ,उनका समर्थक समूह बड़ा विस्तार लिए हुआ है मगर पार्टी मे वो अलग थलग हो गए है ,टिकट वितरण मे उनके चाचा शिवपाल यादव की सुनी गयी है ,वैसे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक जीवन की समझ रखने वाले यह बात मानते है आज भले ही उन्होंने भाई का पलड़ा भारी कर दिया हो मगर अगला दांव अखिलेश के पक्ष मे होगा , मगर मोहब्बत तो अखिलेश के साथ है बस मतलब हट गया है ,पिछले महीने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उनसे सब कुछ ले लो मगर टिकट वो बाटेंगे , अब टिकटों मे भी वो बेगाने हो गए है , आज टिकट की घोषणा मे उनको साथ मे नही रखा गया ,जबकि जिनको उन्होंने बर्खास्त किया वो सभी मंत्री मुस्कुरा रहे थे , दो दिन पहले मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को राष्ट्रीय सचिव बनाकर एक और संदेश दिया गया था , अखिलेश समर्थको मे भारी मायूसी है ,लोग सवाल कर रहे है कि नेता जी की तमाम राजनीति अपने समर्थको के लिए पूरी ताक़त से पैरोकारी करने के लिए जानी जाती है ,मगर अखिलेश अपने समर्थको को बचा नही पा रहे है , पार्टी मे पद और टिकट सब प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव तय कर रहे है ,लोगो की भीड़ उनके आँगन मे है ,इस सबमे अगले चुनाव मे समाजवादी पार्टी की जीत की संभावना कमजोर हो गयी है ,उत्तर प्रदेश मे अखिलेश यादव की सौम्यता शालीनता और विकास की हर तरफ बात होती है मगर इस सकारात्मक आईना को अपनो ने ही धूमिल कर दिया है , हाल ही मे अखिलेश यादव ने कहा था कि दूसरे वाले चाहते है कि मैं सीएम बन जाऊं मगर अपने वाले नही ,वैसे शिवपाल सिंह
कह चुके है कि अखिलेश ही सरकार बनाने पर मुख्यमंत्री बनेंगे ,उनके पुत्र आदित्य यादव ने भी कहा था कि अगर अखिलेश यादव के चेहरे के साथ चुनाव नही लडा गया तो पार्टी को भारी नुकसान होगा और ऐसा हो रहा है ,अखिलेश को बहुत कमजोर कर दिया गया है वो मुख्यमंत्री तो है मगर नेता न बने इसके लिए
षड्यंत्र हो रहा है , आज की लिस्ट इसका प्रमाण है पहली बार बापू भारतीय राजनीति मे पुत्र के हानिकारक हो गया है ।