नई दिल्ली। लोकतंत्र ही इस देश के नागरिकों की ताकत है। जिस बीजेपी को करीब 100 दिन पहले यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिली थी उसे पंचायत सदस्य पद के लिए हुए उपचुनाव में करारी शिकस्त मिली है वहीं बीएसपी को जनता ने शानदार जीत से नवाजा है। ऐसा लगता है कि मात्र 100 दिन के योगी सरकार से जनता का मोह भंग हो चुका है। हो भी क्यों न राज्य में बिगड़ते कानून व्यवस्था, जातिय हिंसा, दंगा, रेप और लूट से जनता त्रस्त हो चुका है।
सोमवार को गाजिपुर जिला पंचायत सदस्य पद के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हुए जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी (सपा) को शानदार जीत मिली है। मतजणना के नतीजों के मुताबिक, कासिमाबाद जिला पंचायत सीट पर बसपा की उम्मीदवार रीता देवी और करंडा जिला पंचायत सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लाल बहादुर यादव को भारी बहुमत से जीत मिली है। वहीं इन दोनों सीटों पर भाजपा को करारी हार का सामना करन पड़ा है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, करंडा जिला पंचायत क्षेत्र में सपा के प्रत्याशी लाल बहादुर यादव को 5267 मत, बसपा के हीरालाल चक्रवर्ती को 3662 मत, भाजपा के जयप्रकाश बिंद को 2848 मत, अजय कुशवाहा को 1096 मत, सत्यदेव यादव को 84 मत और शिवपूजन उर्फ पांचू को 72 मत मिले। इस तरह सपा प्रत्याशी लाल बहादुर यादव ने बसपा के हीरालाल चक्रवर्ती को 1605 मतों से पराजित कर दिया।
कासिमाबाद क्षेत्र में बसपा की रीता देवी को 7124 और भाजपा की शीला देवी को 3076 वोट मिले। वहीं माकपा व सपा गठबंधन की प्रत्याशी पुष्पा देवी को 2522 मत और भाजपा की गुड़िया पासी को 1524 मत मिले। इस तरह बसपा प्रत्याशी रीता देवी ने भासपा प्रत्याशी शीला देवी को 4048 मतों से पराजित कर दिया।
उधर, ग्राम खजुआं में ग्राम प्रधान पद पर रमाकांत पांडेय 68 मतों से विजयी हुए। चुनाव परिणाम जहां सपा और बसपा के लिए राहत लेकर आए, वहीं प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए जिला पंचायत उपचुनाव में करारी हार पार्टी के लिए चिंता का सबब बन गई है।