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Wednesday, October 9, 2024

​’14 महीने में 14 चुनाव, सबको सबक सिखाऊंगा मैं…’

नई दिल्ली: जिस तरह से आम बजट में गांव, किसानों व गरीबों को साध कर मोदी ने विपक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि वह 14 राज्यों में होने वाले चुनावों में सबक सिखा कर ही रहेंगे। देश में अगले लोकसभा चुनाव के साथ-साथ राज्यों के विधानसभा चुनाव करवाने की तैयारी की जा रही है। मोदी सरकार का यह बजट इन्हीं चुनाव को देखकर बनाया गया है। सकारात्मक सोच के साथ देंखे तो पहली नजर में यह बजट गांव, गरीब और किसान को सीधे लाभ देने वाला है। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि यहीं पर कांग्रेस का परंपरागत वोट भी है। जिससे यह साफ हो जाता है कि भाजपा सरकार का यह बजट कांग्रेस के परंपरागत वोटरों को अपने पाले में करने के लिए तैयार किया गया है।
इसी के लिए एक देश एक चुनाव की परिपाटी भी मोदी सरकार तैयार कर रही है। यह संभव हो कि इसी बजट सत्र में इसको लेकर एक बिल पेश कर दिया जाए। इस संबंध में नीति आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। जिसमें राज्यों के चुनाव 2 चरणों में लोकसभा चुनाव के साथ करवाने की सिफारिश की गई है। चुनाव आयोग ने भी कहा कि इस साल सितम्बर के बाद किसी भी वक्त वह राज्यों के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ करवाने के लिए तैयार है। यदि यह बिल पास हो गया तो आने वाले लोकसभा चुनाव के साथ कम से कम 14 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हो जाएंगे।

इन राज्यों में होने हैं चुनाव

2018 में जिन राज्यों के चुनाव होने हैं उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे राज्य भी शामिल हैं, जहां से लोकसभा की 93 सीटें आती हैं। 2014 के नतीजों पर अगर गौर करें तो पता चलता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में इन 93 सीटों में 79 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। जाहिर-सी बात है कि लोकसभा चुनाव से पहले यहां होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों के जरिए राज्य के वोटर्स के मूड का पता भी चलेगा जिसके जरिए बहुत कुछ 2019 की तस्वीर बनती दिखने लगेगी। इन 4 राज्यों में से 3 भाजपा शासित हैं और तीनों अब भाजपा के गढ़ के रूप में तबदील हो चुके हैं। इसके अलावा नॉर्थ-ईस्ट के 4 राज्यों मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और नागालैंड में भी चुनाव होंगे। बेशक यहां से महज 6 लोकसभा सीटें ही हैं लेकिन भाजपा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अपनी पहुंच बनाने और ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारे को लेकर जिस तरह से गंभीर है उसके मद्देनजर इन 4 राज्यों के चुनाव अहम हैं। असम और मणिपुर जीतकर भाजपा नॉर्थ-ईस्ट में धमक पहले ही जमा चुकी है। वह अब नॉर्थ-ईस्ट के क्षेत्रीय दलों के साथ वृहद गठबंधन करके पूरे इलाके पर कब्जा करने की दिशा में काम कर रही है।

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