PATNA : बाजितपुर गांव में महेश्वर राम 30 साल बाद जब अपने घर लौटे तो मालूम चला कि परिजनों ने 14 साल पहले उनका श्राद्ध कर्म कर दिया है। महेश्वर का कोलकाता से अपहरण कर लिया गया था।
उनको असम के किसी गुमनाम जगह पर रखा गया था। इतने साल बाद गांव में लौटने पर परिजन फूले नहीं समा रहे हैं। वहीं महेश्वर को माता-पिता अौर पत्नी के नहीं रहने का गम सता रहा है। घर पहुंचने पर उनकी छोटी भाभी पासवती देवी ने पहचान की। अब उनकी उम्र 70 साल हो चुकी है। इस स्थिति में वे अब ठीक से कुछ कर भी नहीं पा रहे हैं। परिवार में उनके दो बेटे और पोता हैं।
मालूम हो कि महेश्वर 30 वर्ष पूर्व गांव से कोलकाता कमाने के लिए गए थे। कुछ महीने बाद परिजनों को सूचना मिली कि महेश्वर वहां से गायब हो गए हैं। परिजनों ने कोलकाता में जाकर खोजबीन की। लेकिन कुछ पता नहीं चला। परिजनों ने इस बाबत स्थानीय थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं कराई। समय बीतता रहा।
परिजनों ने बताया कि गायब होने के तीन साल बाद एक पोस्टकार्ड घर पर आया था। जिस पर महेश्वर के अपहरण का जिक्र था। इधर, पुत्र के वियोग में कुछ साल बाद माता-पिता भी गुजर गए।
इधर, अपने पति का इंतजार करती उनकी पत्नी की मृत्यु 14 साल बाद हो गई। महेश्वर के भाभी कहती हैं, काश, आज देवरानी जिंदा होती तो वह खुश होती। पति और जेठ भी अपने भाई के गम में गुजर गए।