एक दिन पहले ही हिन्दी न्यूज चैनलों एबीपी न्यूज और आज तक आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सर्वे कर देश का मूड जानने की कोशिश की. इन सर्वे के मुताबिक देश में अगर आज चुनाव होते हैं, तो एनडीए को फिर से स्पष्ट बहुमत मिलना तय है. आज तक के सर्वे के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 309 सीटें और यूपीए को 102 सीटें हासिल हो रही है. वहीं एबीपी-सीएसडीएस के सर्वे में एनडीए को 301 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
इस बीच एक खबर सबको चौंका सकती है. स्क्रोल डॉट इन की एक खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2019 में होने वाले आम चुनाव को इसी साल यानि 2018 के अंत में करा सकते हैं. दरअसल गुजरात चुनाव के बाद आए फैसले ने कईयों की नींद उड़ा दी थी. इसके बाद विपक्ष ने भी आने वाले लोकसभा चुनाव में अपने पैर तलाशने शुरू कर दिए हैं.
गुजरात चुनाव के बाद विपक्ष को भी लगने लगा है कि अगर ठीक तरह से चुनाव लड़ा जाए तो भाजपा को हराया जा सकता है. इसलिए विपक्ष आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है.
इसीलिए कहा जा रहा है कि पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह विपक्ष के तैयारियों को कमजोर करने के लिए समय से पहले चुनाव करा सकते हैं. चुनाव विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाला लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2019 में न होकर इसी साल के अंत तक हो सकता है.
इस बात की अटकलें तब और तेज हो जाती हैं जब एक उद्यमी अशोक जैन का पोस्ट पढ़ते हैं. अशोक जैन एक उद्यमी हैं और उन्होंने लोकसभा चुनाव 2014 के समय ‘नीति डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड’ नामक वेबसाइट चलाई थी. इस वेबसाइट ने पीएम मोदी के 2014 के चुनावी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई थी.
आप जब उनकी पोस्ट में थोड़ा आगे जाते हैं तो पता चलता है कि क्यों आने वाले 100 दिनों यानि अप्रैल-2018 में ही देश में लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं.
अपने पोस्ट में अशोक जैन लिखते हैं, “आश्चर्य की बात है कि एक युद्ध में जीत की आधी लड़ाई है. कोई भी उम्मीद नहीं करता कि मार्च-अप्रैल 2018 में लोकसभा चुनाव होंगे. लोगों का मानना है कि इस साल नवंबर के आस-पास या अगले साल मई में लोकसभा का चुनाव हो सकता है. लेकिन पीएम मोदी और अमित शाह अप्रत्याशित चीजें करने के लिए जाने जाते हैं इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि पीएम मोदी अप्रैल-2018 में लोकसभा का चुनाव कराकर विपक्ष को चित कर सकते हैं”
इसके पहले साल 2004 में भी भाजपा की सरकार में प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘शाइनिंग इंडिया’ का नारा देकर 6 महीने पहले लोकसभा का चुनाव कराया था लेकिन उस चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी. देखना यह है कि पीएम मोदी ‘न्यू इंडिया’ का नारा देकर आने वाला लोकसभा चुनाव जीतते हैं या उन्हें भी 2004 वाले परिणाम देखने होंगे.