आज देश का सबसे बड़ा घोटाला कहा जाने वाला 2G स्कैम मामले में सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। आरोपियों को बरी किए जाने के बाद से उनलोगों पर सवाल उठना शुरू हो गया जिन्होंने इस मामले को उछाल कर सत्ता या नाम पाया था।
अन्ना हजारे (फाइल फोटो)
सबसे पहला सवाल उस आंदोलनकर्ता पर उठा जिन्होंने इस कथित घोटाले को लेकर देशभर में एक जनआंदोलन खड़ा किया। किसी ने इन्हें दूसरा गांधी कहा तो किसी ने जेपी आंदोलन की याद दिलाई।
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कांग्रेस बाहर, बीजेपी अंदर
अन्ना हजारे का ही वो जनआंदोलन था जिसने देश को इतने गुस्से में भर दिया कि कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और बीजेपी ने बहुमत से सरकार बना लिया। लेकिन आज कोर्ट के इस फैसले से बीजेपी, तब के कैग विनोद राय और अन्ना हजारे की पूरी टीम पर सवाल उठ गया है। सवाल है कि अगर घोटला हुआ तो किसने किया और सबूत कहां है?
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मामले को HC में ले जाए सरकार
अन्ना हजारे ने इस फैसले पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि अगर सरकार के पास इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं तो उन्हें मामले को उच्च अदालत में ले जाना चाहिए।
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विनोद राय पर भी सवाल
अन्ना के साथ-साथ उस समय के कैग विनोद राय पर भी सवाल उठ रहा है। आखिर इन्हीं की रिपोर्ट पर इतना बड़ा कथित घोटाला होने की बात कही जा रही थी।