लखनऊ : बीएचयू में छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले में नया मोड़ आ गय़ा है. विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ओंकारनाथ सिंह ने इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद इस्तीफे दे दिया है, जिसे वीसी ने स्वीकार कर लिया है. वहीं सूत्रों के हवाले से खबर आ रही हैं कि वाइस चांसलर गिरीश चंद्र त्रिपाठी के सारे अधिकार अग्रिम आदेश तक सीज कर दिए गए हैं.
वहीं वाइस चांसलर गिरीश चंद्र त्रिपाठी को लंबी छुट्टी पर भेजा जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन मंत्रालय इस संभावना पर विचार कर रहा है. इससे पहले बनारस के कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी, जिसमें इस पूरे मामले में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने कुलपति को तत्काल हटाने की मांग की है.
इस बीच प्रशासन ने पिछले दिनों कैंपस में हुई घटनाओं की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है. जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज वी.के.द्विेवेदी की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय समिति करेगी. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों की टीम में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा. बीएचयू प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 65 और संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया गया है, जहां सीसीटीवी कैमरे स्थापित होंगे. पहले फेज में विश्वविद्यालय के द्वार और महिला छात्रावास पर इन्हें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सुरक्षा तंत्र में महिला सुरक्षाकर्मियों को भी शामिल किया जा रहा है.
बता दें कि शनिवार को बीएचयू परिसर में हिंसा और तनाव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने 25 थानों की पुलिस बुलाई थी. अहिंसक आंदोलन कर रही छात्राओं पर एक बार लाठीचार्ज की कार्रवाई शुरू हुई, तो पुलिस के जवान छात्रावासों में घुस गए और स्टूडेंट्स की पिटाई की.