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Tuesday, February 18, 2025

​BJP की मुश्किल बढ़ीं: गुजरात में बढ़ा कांग्रेस का ग्राफ, राहुल के खेमे में गिर सकती हैं जीत की बूंदे


 

नई दिल्ली। गुजरात की सत्ता से कांग्रेस 22 साल से बाहर है। ऐसे में इस बार कांग्रेस से एड़ी चोटी का जोर देकर सत्ता हथियाने की कोशिश में लग गई है। राहुल गाधी इस बार गुजरात में कांग्रेस का वनवास खत्म करने की पूरी कोशि में लगे हुए हैं। खासतौर पर गुजरात विजय के लिए कांग्रेस कई तरह के राजनीतिक हथकंडे भी अपना रही है। तीन नए चेहरों पर दांव खेलने वाले राहुल गांधी को इसका फायदा भी मिलता दिख रहा है।

पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो साफ है, कि कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और बीजेपी का घट रहा है। पर सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने के लिए कांग्रेस को 92 सीटों का पहाड़ जैसा लक्ष्य हासिल करना है, जो किसी लोहे के चने चबाने जैसा है। जहां चुनाव से पहले ओपिनयन पोल बीजेपी के खेमे के आ रहे हैं तो वहीं अब राजनीति का रूख कुछ और दिखता नजर आ रहा है।

वहीं, गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटे हैं। विधानसभा सीटों के आकड़े की बात करें तो कांग्रेस ने 2002 के चुनाव के बाद हर बार अपना ग्राफ बढ़ाया है। गुजरात दंगे के बाद हुए विधानसभा चुनाव में 181 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने प्रंचड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। बीजेपी को 2002 में 127 सीटें और कांग्रेस को 50 सीटें मिली। जिसके बाद साफ हो गया जनता बीजेपी पर ही भरोसा करती है।

गुजरात में कांग्रेस को आखिरी बार बड़ी जीत लोकसभा चुनाव 1984 और विधानसभा चुनाव 1985 में मिली थी। तभी से कांग्रेस जीत के लिए पूरी कोशिश करती नजर आती है लेकिन जनता को शायद बीजेपी का ही साथ रास आ गया है। 1984 के बाद से कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरता गया और 1995 में तो गुजरात की सत्ता से ही बाहर हो गई। गुजरात के पिछले कुछ चुनाव में बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस उन्नीस ही साबित हुई।

कांग्रेस 1990 में 30।7 फीसदी वोट पर आकर सिमट गई थी। लेकिन पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आकड़े को उठाकर देखें तो कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ा है। कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 2012 में इसे 39 फीसदी तक पहुंचाया। औसतन बीजेपी और कांग्रेस के बीच 10 फीसदी वोटों का अंतर रहा है।

ऐसे में अगर बीजेपी का वोट 5 फीसदी घटता है और कांग्रेस का बढ़ता है तो गुजरात का सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल जाएगा। क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला होता नजर आ रहा है। वहीं, इस बार कांग्रेस ने जातिय समीकरणों को साधकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी की है और इसलिए टीम मोदी उतनी आश्वस्त भी नहीं दिख रही। ऐसे में इस बार सबकी निगाहें खास कर गुजरात पर हैं देखना होगा कि मोदी के गुजरात से चले जाने के बाद भी जनता बीजेपी को अपनाती है या फिर कांग्रेस के आंगन में इस बार जीत की बूंदें गिरेंगी।

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