भोपाल.जिला कोर्ट में हुए गोलीकांड में फरार चल रहे सेंधवा के हिस्ट्रीशीटर संजय यादव को दस माह पहले भाजपा में शामिल किया गया था। सेंधवा नगर पालिका अध्यक्ष पद का उम्मीदवार उसकी मां बसंती यादव को बनाया गया। कांग्रेस से दो उम्मीदवारों ने परचे भरे, लेकिन दोनों पीछे हट गए। नगर पालिका अध्यक्ष पद पर ऐसा पहला मामला है, जिसमें भाजपा उम्मीदवार की दहशत में बाकी उम्मीदवारों ने मैदान ही छोड़ दिया हो।
– नामांकन भरने की आखिरी तारीख 6 जनवरी थी। नगर पालिका चुनाव के वोट 17 जनवरी को पड़ना है, लेकिन भाजपा उम्मीदवार की निर्विरोध जीत पर भाजपा-कांग्रेस में तनातनी बढ़ गई है। भाजपा के 24 में से 11 पार्षदों का भी निर्विरोध जीतना तय माना जा रहा है।
– अध्यक्ष पद के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में थे। एक-एक कर 6 उम्मीदवारों ने पर्चा वापस ले लिया। उधर, इस पूरी कवायद पर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व भी चुप्पी साधे हुए है। कांग्रेस से पार्षद रह चुके संजय को प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने 20 फरवरी को सदस्यता दिलाई थी।
– संजय के अलावा पिता विष्णु प्रसाद यादव और भाई जितेंद्र यादव ने भी सदस्यता ली थी। उस दौरान वहां सांसद सुभाष पटेल और मंत्री अंतर सिंह आर्य भी मौजूद थे। चौहान ने कहा था कि यादव परिवार के पार्टी में आने से भाजपा मजबूत होगी।
कौन है संजय यादव : सेंधवा में यादव परिवार की दहशत
– सेंधवा में संजय और यादव परिवार की काफी दहशत है। संजय के खिलाफ गोपाल जोशी के चचेरे भाई नितिन जोशी की हत्या के षड़यंत्र का केस दर्ज हो चुका है। इसी पुरानी रंजिश के चलते कोर्ट में गोलीकांड हुआ है।
– संजय के खिलाफ 1984 से अब तक 40 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें हत्या, हत्या के षड़यंत्र, जान से मारने की धमकी, अपहरण के मामले शामिल हैं। संजय के खिलाफ वर्तमान में तीन मामले चल रहे हैं। सत्तार हत्याकांड में भी वह आरोपी है। दो हत्याओं के आरोपियों पर प्राणघातक हमले के केस में संजय यादव फरार है।
– जज के सामने गोली चलाई- सेंधवा एडीजे कोर्ट में पेशी के दौरान 12 अक्टूबर 2017 को गोपाल कैलाशचंद्र जोशी को एक युवक ने जज के सामने पीठ पर गोली मार दी थी। गोपाल को इंदौर जेल से पेशी पर लाया गया था।
– उस पर वर्ष 2008 में संजय झंवर की हत्या का मुकदमा चल रहा है। झंवर और यादव पुराने साथी रहे हैं। कोर्ट गोलीकांड में यादव धारा 120-बी का आरोपी है। इस घटना के बाद से संजय फरारी पर है, लेकिन वह फेसबुक पर यादव फेन्स क्लब में सक्रिय है।
आमने-सामने
– भाजपा और यादव परिवार के दबाव के आगे डरकर हमारे उम्मीदवारों ने मैदान छोड़ दिया। पहले साधना राजपाल को टिकट दिया, लेकिन उनके बेटे को डराया-धमकाया गया। वे एक दिन पहले हट गईं। नीलम शर्मा को तय किया, लेकिन वे भी डरकर पीछे हट गईं। बी-फॉर्म अध्यक्ष-पार्षद के एक साथ आए थे।
– सुखलाल परमार, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस
– कांग्रेस प्रत्याशियों को धमकाया गया तो प्रशासन को शिकायत करना थी। संजय यादव को प्रदेशाध्यक्ष ने भाजपा में शामिल कराया था। उस समय हमें केस की जानकारी नहीं थी। हम कोई चरित्र प्रमाण पत्र तो लेते नहीं है। उम्मीदवारों ने स्वेच्छा से नाम वापस लिए है। कांग्रेस कमजोर हो गई तो ऐसी बातें कर रही है।
– ओम खंडेलवाल, जिला अध्यक्ष, भाजपा
आरोपी… संजय के खिलाफ 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं
– कोर्ट गोलीकांड में संजय यादव हत्या के षड़यंत्र में आरोपी है। उसे फरार घोषित किया है। सत्तार की हत्या में भी वह आरोपी है। अब तक 40 से ज्यादा मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं। हालांकि इनमें से कई में वह बरी हो चुका है। संजय निगरानीशुदा बदमाशों की लिस्ट में शामिल है।