लालू से बेवफाई के बाद नीतीश एक बार फिर राजद सुप्रीमो लालू पर मेहरबान हो सकते हैं। दरअसल, उपराष्ट्रपति चुनाव नजदीक आने वाले हैं और लालू से गठबंधन के दौरन नीतीश ने विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को समर्थने देने का ऐलान किया था। तो वहीं, बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित किया है। यूं तो, जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी जेडीयू, यूपीए और अन्य विपक्षी दलों के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का समर्थन करेंगे, लेकिन उन्होंने यह घोषणा उस वक्त की थी, जब वो महागठबंधन का हिस्सा थे। उधर, एक बार फिर पार्टी की ओर से गांधी को ही उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में वोट करने की बात कही जा रही है। पार्टी की तरफ से यह बयान पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता केसी त्यागी ने जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारा विचार अभी भी नहीं बदला है और समय आने पर आपको खुद ही पता चल जाएगा। इस पर केसी त्यागी के बाद बिहार से जेडीयू के नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का बयान भी सामने आया। इस बयान में जेडीयू के वशिष्ठ ने कहा है कि पार्टी नेता नीतीश कुमार ने पहले ही अपनी बात स्पष्ट कर दी है और हम उससे पीछे नहीं हटेंगे। आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में महात्मा गांधी के प्रपौत्र गोपालकृष्ण गांधी को यूपीए के 18 दलों का समर्थन पहले ही हासिल है। एक तरफ जहां, विपक्षी दल यूपीए 2019 के चुनाव में मोदी को घरेने के लिये अभी से महागठबंधन करने की तैयारी में है, ताकि मोदी लहर को रोककर यूपीए उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना दबदबा कायम कर सके। तो वहीं, जेडीयू से गठबंधन के बाद हर चुनाव में प्रचंड जीत से बाज़ी मारने वाली मोदी सरकार की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं। अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि बीजेपी में शामिल होने के बाद नीतीश किसे अपना वोट देते हैं।